बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर बालिकागृह यौन उत्पीड़न मामले में साकेत कोर्ट 12 दिसंबर यानी कल अपना फैसला सुनायेगा। मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत कुल 20 आरोपियों पर पोक्सो समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोपियों में बालिकागृह के कर्मचारी और सामाजिक कल्याण विभाग बिहार के अधिकारी भी शामिल हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 23 फरवरी से इस मामले की साकेत कोर्ट में नियमित सुनवाई चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने छह माह में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया था। मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर पर पोक्सो और रेप समेत कई धाराओं में मामला चल रहा है। पिछले साल जुलाई में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सरकारी सहायता प्राप्त बालिकागृह में कई बच्चियों से रेप और यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था। आपको बता दू की मामला टाटा इंस्टीट्यूट सोशल साइंस की रिपोर्ट आने के बाद प्रकाश में आया था। टीआईएसएस की रिपोर्ट के बाद बालिका गृह को खाली कराने के साथ बच्चियों को पटना और मोकामा के साथ अन्य बालिका गृह में ट्रांसफर किया गया था। अनियमितता को लेकर FIR में दर्ज की गई थी। फिर मामला बढ़ने पर जुलाई में मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप मामले में सीबीआई ने आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। संबंधित आरोपो के लिए आरोपियों की मिनिमम सजा 10 साल और अधिकतम आजीवन कारावास हो सकती है।
ये है आरोपी —
ब्रजेश ठाकुर
इंदु कुमारी
मीनू देवी
मंजू देवी
चंदा देवी
नेहा कुमारी
हेमा मसीह
किरण कुमारी
रवि कुमार रोशन
विकास कुमार
दिलीप कुमार वर्मा
विजय कुमार तिवारी
गुड्डू कुमार पटेल
किशन राम उर्फ कृष्णा
रोजी रानी
डॉ. अश्विनी उर्फ आसमानी
विक्की
रामानुज ठाकुर
रामाशंकर सिंह
साइस्ता परवीन उर्फ मधु।