CAA क़ानून के आने के बाद से देशभर में आंदोलन होने लगे। लगभग सभी आंदोलनों में संविधान बचाओ के बैनर पोस्टर लगाए गए। CAA से संविधान को क्या ख़तरा है यह बात कोई नहीं बता पाया है। आंदोलन भी मुस्लिम और मुस्लिम समर्थक ही कर रहे है। यह जानते हुए भी कि CAA से भारतीय मुस्लिमों की नागरिकता को कोई ख़तरा नहीं है फिर भी आंदोलन जारी है। संविधान ख़तरे की बात तो सभी कह रहे है लेकिन देश ख़तरे की बात कोई नहीं कर रहा है। इस आंदोलन में हर जगह देश विरोधी भाषण दिए गए। देश को तोड़ने के भाषण दिए गए। हिन्दुत्व की कब्र खोदने के नारे लगाए गए। भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के नारे लगाए गए है। यह देशविरोधी कार्य करते हुए संविधान को ढाल की तरह इस्तेमाल किया गया है। संविधान को देश से भी बड़ा दिखाने की कोशिश की जा रही है क्योंकि आंदोलन करने वाले जानते है कि भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए यही संविधान उनकी सबसे ज़्यादा मदद करेगा इसलिए ये सिर्फ़ संविधान बचाने की बात करते है जबकि देश है तो संविधान है। संविधान तो देश चलाने के लिए बनाए गए क़ानूनों की एक किताब मात्र है जिसको सुविधा के अनुसार बदला जा सकता है। मौजूदा संविधान तभी तक है जब तक भारत में लोकतंत्र है। मुस्लिम राष्ट्र बनने के बाद यही संविधान बचाने वाले लोग सबसे पहले संविधान को ही शहीद करेंगे। संविधान बचाने की बात एक छलावा मात्र है। अगर लोकतंत्र में रहना चाहते हो तो इस छलावे में मत आओ और देशविरोधी ताक़तों से देश बचाओ।
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