दिल्ली के मुखर्जीनगर में पुलिस द्वारा शिक्षकों और छात्रों को डरा धमकाकर जबरन कोचिंग, पीजी, हॉस्टल और लाइब्रेरी बंद करवाने की खबर पर युवा-हल्लाबोल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अनुपम ने दिल्ली पुलिस से सफाई मांगते हुए कहा है कि छात्रों और शिक्षकों के साथ बदतमीज़ी बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
ज्ञात हो कि दिल्ली के मुखर्जीनगर में रहकर लाखों छात्र एसएससी और यूपीएससी जैसी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। मामला प्रकाश में तब आया जब युवा-हल्लाबोल के नेशनल कोऑर्डिनेटर गोविंद मिश्रा ने ट्वीट करके एक वीडियो जारी किया जिसमें छात्रों को धमकाते हुए पुलिवालों को देखा जा सकता है। गोविंद ने ट्वीट के साथ लिखा, “अब पूरा मुखर्जी नगर खाली करवाया जा रहा है। फरमान जारी हो गया है कि सभी कोचिंग और PG बंद कर दिए जाएं। सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले लाखों छात्रों से दिल्ली का मुखर्जी नगर खाली करने को बोल दिया गया है। PG, लाइब्रेरी सब बन्द कर दिए हैं। क्या देश में आपातकाल लागू हो गया है?”
गोविंद के ट्वीट के बाद देशभर से सोशल मीडिया पर हैरत और आक्रोश जताते हुए लोगों ने प्रतिक्रिया जाहिर किया। बुधवार को युवा-हल्लाबोल की एक टीम ने मुखर्जीनगर पहुँचकर मामले का जायज़ा लिया और सभी पक्षों से बात की। पता चला कि दिल्ली पुलिस ने मुखर्जीनगर के प्रतिष्ठित शिक्षकों के साथ भी पुलिस द्वारा बदतमीज़ी की गई है। यह स्पष्ट है कि छात्रों और युवाओं से डरने वाली इस सरकार की पुलिस जबरन पीजी, हॉस्टल और कोचिंग संस्थानों को बंद करवाके छात्रों को अपने अपने घर जाने को कह रही है। पुलिस ने मुखर्जीनगर में आदेश दिया है कि 24 दिसंबर से 2 जनवरी तक सब कुछ बंद रखा जाए। लेकिन हैरत की बात है कि दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी अपने पुलिस की कार्यवाई से अनभिज्ञ हैं और इन आरोपों को “फेक मेसेज” करार दे रहे हैं।
युवा हल्लाबोल के रजत ने दावा किया कि उनके पास पर्याप्त सबूत है जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा की दिल्ली पुलिस ने मुखर्जी नगर में कोचिंग, पीजी और मेस को जबरन बंद करवाया है।
युवा-हल्लाबोल ने सरकार और दिल्ली पुलिस से मुखर्जीनगर की घटनाक्रम पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। साथ ही मांग किया है कि छात्रों एवं शिक्षकों को डराना धमकाना बंद करके क्षेत्र में शांति और विश्वास कायम करे।