एक मामूली से अनजान वायरस ने विश्व इकोनॉमी को औंधे मुंह गिरा दिया. चीन पांच साल पीछे चला गया. दुनिया भर को फतेह करने का ख्वाब देखने वाले चीन के वो सभी प्रोजेक्ट बंद पड़ चुके हैं जो उसने पच्चीस से ज्यादा देशों में चला रखे हैं.
वूहान जैसे कई शहर वीरान हो गये, ईरान,इटली के इससे बुरा हाल है
दस करोड़ से अधिक लोग अपने ही घरों में कैद हैं.
हजारों मारे गये. खरबों डॉलर का नुकसान चीन झेल रहा है.
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भारत में प्रकृति की पूजा हजारों सालों से यूं ही नहीं होती आयी है. सनानत अगर नदियों पेड़ों पहाड़ों सूर्य बादल हवा को पूजनीय बताता है तो इसका ठोस वैज्ञानिक कारण है.
धरती बचाना है तो मानव मात्र की सभी सभ्यताओं को सनातन की शीतल छांव में आना ही होगा. जय हिंद 🇮🇳🇮🇳