बाल भारती अकादमी एक गैर सरकारी और मुनाफे के लिए काम ना करने वाली NGO है जो साल 1970 से लगातार भारत की जनता के लिए विभिन्न विकासात्मक, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य, आजीविका, महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास और बुनियादी ढांचे के विकास जैसी अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों में लगी हुई है।
बाल भारती अकादमी ने सरकारी मंत्रालयों/सार्वजनिक उपक्रमों जैसे अल्पसंख्यक कार्य, IOCL, HPCL, BHEL आदि के साथ कई प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा किया है साथ ही उद्योग निकायों जैसे CII & ASSOCHAM, कोहलर और L&T आदि कंपनियों के साथ भी विभिन्न परियोजनाओं पर काम किया है। बाल भारती अकादमी का अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ काम करने का अनुभव भी काफी अच्छा और सफल साबित हुआ है।
11 मार्च 2020 को जब WHO ने नोवेल कोरोना वायरस को एक सर्वव्यापी महामारी घोषित किया तो दुनियाभर के देशों ने इससे निपटने के लिए, लोगों के जीवन को बचाने के लिए, संक्रमण के इलाज का पता लगाने के लिए और संक्रमण को कम करने की तत्काल कोशिशें करनी शुरु कर दी थीं ।
ऐसे समय में बाल भारती अकादमी ने जिम्मेदारी उठाई है कि वो कोविड-19 के खिलाफ लड़ेगी साथ ही भारत सरकार और भारत के लोगों तक ऐसे सर्वश्रेष्ठ उत्पाद और समाधान उपलब्ध कराएगी जो कि पूर्ण रूप से MAKE IN INDIA योजना के तहत बनाकर तैयार किए गए हों। हमारा लक्ष्य सही कीमत पर अपने उत्पादों को देने के अलावा वो पूरी तरह से भारतीय भी हो ये भी सुनिश्चित करना है । बाल भारती अकादमी के सचिव श्री मनिंदर सिंह का कहना है कि हमारी इस कोशिश से विदेशी कंपनियों को बल मिलेगा कि वो भारत आएं और खुद को यहां स्थापित करें ।
इसके अलावा बाल भारती अकादमी की संयुक्त सचिव सुश्री ऋतिका सिंह का कहना है कि इस गंभीर और कठिन परिस्थिति का फायदा उठाकर लोग जरूरी सामान और सेवाओं के लिए लोगों से ज्यादा पैसे ऐंठ रहे हैं।
बाल भारती अकादमी को हमने एक ऐसे मंच के रूप में विकसित किया है जो कि एक नोडल एजेंसी के रूप में अलग-अलग अच्छी मानव कंपनियों को बढ़ावा देती है ताकि हम कम से कम कीमत पर अच्छी से अच्छी सेवाएं या उत्पाद लोगों तक पहुंचाकर देश के साथ सीना ताने खड़े रहें ।
ये एक ऐसा समय है जब उपभोक्ता के दिमाग में निवारक स्वास्थ्य देखभाल का महत्व बढ़ेगा। अचानक से कोविड-19 से संक्रमित मरीज़ों की संख्या बढ़ने का असर ये हुआ कि अब दुनियाभर के देशों को इस वायरस को और ज्यादा फैलने से रोकने में सख्त से सख्त कदम उठाने ही होंगे। जब से इस जानलेवा बीमारी का प्रकोप बढ़ा है तब से तापमान को नियमित रूप से जांचने की जरूरत है।
बाल भारती अकादमी के अतिरिक्त सचिव श्री अर्जुन प्रसाद कहते हैं कि डिजिटल इंफ्रा-रेड थर्मामीटर और सैनिटाइजेशन ही दो ऐसे मुख्य उपाय हैं जिनके इस्तेमाल से कोरोना के प्रकोप को कम किया जा सकता है। आगे कई और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी-आधारित समाधान होंगे जो हमारी तरफ से पेश किए जाएंगे जैसे थर्मल इमेजिंग कैमरा।
इंफ्रारेड थर्मामीटर का उपयोग बुखार होने पर शरीर के तापमान का पता लगाने के लिए किया जाता है, जो कि कोरोना वायरस के लक्षणों में से एक है। ये थर्मामीटर शरीर से निकल रही अवरक्त ऊर्जा को महसूस करके मानव तापमान की जांच करने में सक्षम होते हैं ।
Taapman.in ने कोविड-19 से लड़ाई लड़ने के लिए बिना संपर्क में आए जांच करने वाले थर्मामीटर को भारतीय बाजार में उतारा है जो कि 100 फीसदी मेक इन इंडिया योजना के तहत ही बनाए गए हैं।
भविष्य में ये महामारी हमें एक ऐसी स्थिति की तरफ धकेल सकती है जब हम श्रमिकों की कमी से जूझने के लिए मजबूर होंगे और हमें किसी भी चीज को पाने के लिए ज्यादा रुपए चुकाने पड़ रहे होंगे और तब जरूरत होगी ज्यादा सैनिटाइजेशन की जिससे की कोरोना के प्रकोप को फैलने से रोका जा सके।
हम देशभर में हो रहे बदलावों का संज्ञान ले रहे हैं और फिर इस स्थिति से पार पाने के लिए प्रभावी ढंग से कदम भी उठा रहे हैं ताकि हम इस कोविड-19 के समय में लोगों की मांग को पूरा कर पाने में मददगार साबित हो सकें ।
हमने एक सोशल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जिसके जरिए हम MAKE IN INDIA को बढ़ावा दे रहे हैं और अपने साथी भारतीयों तक सर्वोत्तम कीमत पर उत्पाद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि कोई भी इस तरह के गंभीर संकट में वाणिज्यिक लाभ ना ले सके। इसके अलावा बिक्री से हुई आय का एक हिस्सा भी स्वैच्छिक वितरण में योगदान के लिए लगाया जाएगा ।
हम इंफ्रारेड थर्मामीटर, घर/कार्यालय/कार सैनिटाइजेशन, मास्क, PPE किट, बड़े पैमाने पर तापमान प्रौद्योगिकियों, थर्मल इमेजिंग कैमरा आदि की पेशकश करते हैं।हमारे उत्पादों ने हमें बढ़ावा दिया है, क्योंकि वो लागत प्रभावी और गुणात्मक हैं। जो IR थर्मामीटर चाइना समेत बाकी देशों में बनाए जा रहे हैं उनकी कीमत करीब-करीब 4100 रुपए है जबकि हम सभी करों को मिलाकर 3600 रुपए की कम लागत में 100 फीसदी MAKE IN INDIA के तहत बना थर्मामीटर बेच रहे है।
कार्यालय, घर, कार आदि के लिए सैनिटाइजेशन 2.5 रुपए प्रति Sq. Ft के हिसाब से उपलब्ध कराया जा रहा है जबकि हम उसके आधे यानि कि 1.25 रुपए में सैनिटाइजेशन कर रहे हैं ।
इस महामारी की वजह से आने वाले वित्तीय संकट को रोका नहीं जा सकता, लेकिन प्रमुख कॉर्पोरेट्स की तरफ से दिए गए योगदान से कम आय वाले समूहों को इसका असर कम महसूस करने में मदद ज़रूर मिल सकती है । बाल भारती अकादमी अपने मंच द्वारा विकसित उत्पादों और सेवाओं को देश के हर एक कोने तक पहुंचाना चाहती है और उसके लिए अकादमी गुणवत्ता भागीदारों की तलाश कर रही है। आइए योगदान दें और परिवर्तन करें- भारत एक है, सम्मिलित है।