नई दिल्ली, 3 जनवरी, 2020- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री सुभाष चोपड़ा ने अनाधिकृत कालोनियों के 20 लोगों को डीडीए द्वारा मालिकाना अधिकार देने संबधी कागजातों को राजनैतिक स्टंट करार देते हुए कहा कि अनाधिकृत कालोनियों के मुद्दे पर चौतरफा घिरी भाजपा और आम आदमी पार्टी को इस इस चक्रव्यूह से निकलने का रास्ता नही मिल रहा है और 20 लोगों को बांटे गए धोखा पत्र का फर्जीवाड़ा केवल इस चक्रव्यूह से निकलने का असफल प्रयास है।
श्री चोपड़ा ने श्री केजरीवाल व श्री सिसोदिया से पूछा कि वो दिल्ली की जनता को बताए कि क्या यह सत्य नही है कि केन्द्र सरकार द्वारा मालिकाना अधिकार देने व कालोनियों के नियमन संबधी दोनो अधिसूचनाओं की शर्तां को बकायदा दिल्ली सरकार ने स्वीकृति प्रदान की है, जिसके दस्तावेज प्रदेश कांग्रेस के पास मौजूद है? उन्होंने दिल्ली सरकार से यह भी सवाल किया कि वो यह भी दिल्ली की जनता को बताए कि मालिकाना अधिकार देने के नाम पर जो पैसा लोगों से वसूला जाएगा, उसकी दिल्ली सरकार ने मंजूरी क्यों दी है? उन्होंने यह भी पूछा कि दिल्ली सरकार ने खेती की जमीन को सरकारी जमीन बनाने की केन्द्र सरकार के प्रस्ताव को क्यों मंजूरी दी है?
श्री मुकेश शर्मा ने कहा कि केन्द्र व दिल्ली सरकार ये बताए कि क्या यह सच नही है कि इन 20 लोगों से जिनके छोटे मकान है, एक लाख रुपये प्रति मकान डीडीए ने अधिकृत रुप से वसूले है? उन्होंने कहा कि सच यह है कि जिन 20 लोगों को डीडीए द्वारा स्लीप जारी की गई है उनमें कृषि योग्य जमीन पर बने मकानों से 1 लाख रुपये वसूले गए है व रजिस्ट्री कराते समय उन्हें अलग से स्टेम्प डयूटी देनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आरोप सही साबित हुए है।