
नई दिल्ली, 29 दिसंबर। नागरिकता कानून के बारे में जागरूक करने और इससे जुड़ी शंकाओं को खत्म करने के लिए आज नई दिल्ली से सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने सफदरजंग क्लब में संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया। सीएए के समर्थन में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय निवासियों ने भाग लिया।
नई दिल्ली से सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि हमें यह समझने की जरूरत है कि सीएए क्या है। दुर्भावनापूर्ण एजेंडे वाले कुछ लोग जानबूझकर लोगों को अपने राजनीतिक लाभ के लिए भ्रमित कर रहे हैं। हमने इतिहास में देखा है कि लोगों ने भारत में शरण ली। पाकिस्तान हमेशा मानवाधिकारों के उल्लंघन की बात करता है लेकिन समाज की भलाई के लिए कभी सही काम नहीं करता है। आज पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी महज 3 प्रतिशत है जो 23 प्रतिशत से बहुत कम हो गई है। भारत में अल्पसंख्यकों की आबादी आजादी के समय से बढ़ गई है, लेकिन अभी भी कुछ लोगों को हमसे सवाल करने की दुस्साहस है, लेकिन पाकिस्तान पर नहीं। श्रीमती लेखी ने कांग्रेस को 1950 के नेहरू-लियाकत समझौते की याद दिलाते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने आश्वासन दिया था कि भारत और पाकिस्तान अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा करेंगे। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान ने अल्पसंख्यक समुदायों के साथ धर्म आधार पर उत्पीड़न किया। भारत ने विश्वास के साथ समझौते का पालन किया।
श्रीमती लेखी से बताया कि हमारी सरकार ने कुछ भी गलत नहीं किया है, सीएए का भारतीय नागरिकता रखने वाले लोगों से कोई लेना-देना नहीं है। बल्कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक समुदायों के भाइयों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। हमें अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए और देश की शांति को खराब करना चाहिए। अनावश्यक रूप से भ्रष्ट आचरण में शामिल लोगों द्वारा वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को खराब करने की कोशिश की गई है। आज भी कोई भी संविधान में प्रदत्त प्राकृतिककरण की प्रक्रिया द्वारा भारत में नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है। यह सिर्फ 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में रहने वाले अल्पसंख्यक हैं जिन्होंने लंबे समय तक अत्याचारों का सामना किया है, वे सीएए के माध्यम से नागरिकता प्राप्त कर सकेंगे।