भारत सदियों से दुनियाँ के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। यही आकर्षण भारत का सबसे बड़ा दुश्मन साबित हुआ है। भारत सोने की चिड़िया कहलाया तो पैसा कमाने के लिए व्यापार करने आ गए। अफ़ग़ान लुटेरे लूटने के लिए आ गए। जब जान ले लाले पड़ गए तो उन्होंने भारत जाने की भीख माँगी। कोलंबस भी भारत की खोज के लिए निकला था। वास्को डिगामा ने भारत में आने के लिए समुद्री रास्ते की खोज की। आज भी कुछ नहीं बदला। रोहिंग्या मुस्लिमों की म्यांमार में जान को ख़तरा होता है तो भारत की तरफ़ भागते है। बंगलादेसी मुस्लिम जब बांग्लादेश में भूखे मरने लगते है तो भारत की तरफ़ भागते है। असल में इसके लिए हमारा एक मूल मंत्र *अतिथि देवों भव* दोषी है। जो भी भारत आया हमने बिना सोचे समझे सबको शरण दी। अब भारत सरकार CAB और NRC लाने की बात कह रही है। लेकिन मैं समझता हुँ कि CAB और NRC से घुसपैठिए भारत से बाहर नहीं जायेंगे क्योंकि ना तो घुसपैठिए जाने को तैयार होंगे और ना इनके देश इन्हें लेने के लिए तैयार होंगे। जब तक घुसपैठियों को भारतीय नागरिक के बराबर सुविधा मिलती रहेंगी तब तक ये क्यों जायेंगे। इन्हें बहुत सारी सुविधाओं से वंचित करना पड़ेगा और इनके लिए हालत बदतर करने पड़ेंगे। सबसे पहले इनकी पहचान करके इन्हें वोट के अधिकार से वंचित करना होगा। इनको सरकार की सब्सिडी से वंचित करना होगा। घुसपैठियों के लिए सिर्फ़ एक बच्चा पैदा करने की शर्त लगानी होगी जिससे या तो ये ख़ुद चले जाएँगे या समय के साथ विलुप्त हो जाएँगे। ऐसे ही कुछ ओर शर्तें भी हो सकती है।
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