अमर सिंह का अस्पताल से एक वीडियो वायरल हुआ है।
उसमें अमर सिंह बता रहे हैं की,
राजनीति करने वाले लोगों को मैं बताना चाहता हूं, बाटला हाउस में 10 साल के मासूम बच्चे के सर पर जब गोली लगी थी तब तत्कालीन गृहमंत्री शिवराज पाटिल और मेरे मित्र डॉ मनमोहन सिंह
और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नारायणन सभी ने कह दिया था आप कुछ ना बोलिए।
अगर पुलिस फोर्स के खिलाफ बोलेंगे तो उनका मनोबल गिरेगा।
जो उस समय उनकी भावना पुलिस फोर्स के प्रति थी। अब वह संवेदना कहां चली गई है ?
उस समय कांग्रेस का कोई बड़ा नेता चाहे वह सलमान खुर्शीद हो या दिग्विजय सिंह हो घटनाक्रम पर नहीं थे।
मुंबई में 26/11 का जो विस्फोट हुआ था।
तब सिर्फ मैं घटनाक्रम पर गया था।
उस समय यहां तक कि मुलायम सिंह भी नहीं गए थे।
आजम खान भी नहीं गए थे।
अमर सिंह ने यह भी कह दिया कि,
कभी कश्मीर के घाटी में चलने वाले पत्थर आज सारे देश में चल रहे हैं।
यह प्रायोजित लगता है।
तीन तलाक और सुप्रीम कोर्ट का राम मंदिर पर दिया हुआ फैसला,
एक समुदाय के दिमाग में नफरत और गुस्से का जो संकलन था वह फूट गया है ऐसा लगता है।
मोदी जी ने ठीक ही किया है जो पाकिस्तान,बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्याक हिंदू और अन्य भाइयों को जो भारत में नागरिकता दी है,
जो सालों से भारत में रह रहे थे।
राजनीति के नाम पर हमारी संस्कृति पर जो हमला हुआ है यह निंदनीय है।
एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है।