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घुसपैठियों का तो पता नहीं, पर आम आदमी को जरूर डर लगने लगा है,

प्रधानमंत्री जी/गृह मंत्री

घुसपैठियों का तो पता नहीं, पर आम आदमी को जरूर डर लगने लगा है, सब्र का बांध टूटने लगा है। कौन लोग हैं ये जो ट्रेनों/बसो को आग लगा रहे है? कौन है ये लोग जो इस देश का खाकर इसी देश को आग में झोंक देना चाहते है? देश भक्त या देश के शांतिप्रिय नागरिक तो नहीं हो सकते? मेरा मानना तो है गुंडे और आतंकवादी ही हो सकते हैं। प्रधानमंत्री जी फिर इन पर रहम क्यों? कौन लगते है ये इस देश के, जो शांतिप्रिय नागरिकों को जीने नहीं दे रहे है, बहुत हो चुका, पुलिस के हाथ खोलिए, इन उत्पाती /आतंकियों से शरीफ आम शहरी को बचाओ, पुलिस से कंट्रोल नहीं हो रहा तो सेना को बुलाओ, अब तो 2002 वाली गुजरात वाली स्तिथि नहीं जब तो आपको फोर्स मिलने में देरी हो गई थी, अब तो सब कुछ आपके हाथ में है, और आपको वोट भी इसीलिए दिया था। सबसे पहले सुरक्षा और शांति, जनता भी समझ रही है कि ये #CAB2019 की आड़ में जो चल रहा है आपकी सरकार के खिलाफ एक साजिश के तहत ही हो रहा है, परन्तु आम शहरी के मन में एक संशय है कि कहीं यह आग फैल ना जाए। इसलिए #प्रधानमंत्री जी / #गृहमंत्री जी कुछ कठोर कदम उठाओ जिसके लिए जनता आप को पसंद करती हैं, कूटनीति नहीं कूट नीति से ही काम चलेगा, रहम नहीं, ये उत्पाति डंडे के यार है।
प्रार्थी
देश का आम शहरी

नोट- आप भी अपनी वाल पर या प्रधानमंत्री जी/ और गृह मंत्री जी को डायरेक्ट पत्र लिख आम आदमी की आवाज बुलंद करे, और कुछ न हो तो इसी पोस्ट को कॉपी या शेयर कर सकते है, आओ हम तुम साथ चले।

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