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आप पार्टी की सरकार ने दिल्ली के बच्चों को दो श्रेणियों में बाटकर बड़ा अपराध किया है- 46 प्रतिशत बजट खर्च ही नही हुआ- सुभाष चोपड़ा

नई दिल्ली, 14 जनवरी, 2020 – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री सुभाष चोपड़ा ने केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल की आंकड़ों के साथ धज्जियां उड़ाते हुए ‘‘पोस्ट मार्टम रिपोर्ट’’ जारी की। उन्होंने पूछा कि 46 प्रतिशत बजट शिक्षा के क्षेत्र में खर्च ही नही हुआ और सरकार कह रही है कि हमारा शिक्षा मॉडल सबसे बेहतर है। उन्होंने शिक्षा मंत्री श्री मनीष सिसोदिया पर तंज कसते हुए कहा कि यदि उनके शिक्षा मॉडल को किसी राज्य में लागू कर दिया गया तो वहां पर भी सरकारी स्कूलों से बच्चे निकलने शुरु हो जायेंगे ।

इस मौके पर पूर्व शिक्षा मंत्री श्री अरविन्दर सिंह लवली, मुख्य प्रवक्ता व वरिष्ठ नेता श्री मुकेश शर्मा व पूर्व विधायक श्री अनिल भारद्वाज व निगम पार्षद कैप्टन खविन्द्र सिंह भी मौजूद थे।

श्री सुभाष चोपड़ा व श्री अरविन्दर सिंह लवली ने कहा कि आप पार्टी की सरकार ने दिल्ली के बच्चों के साथ एक बड़ा अपराध करके बच्चों को ही दो श्रेणियों मे बांट दिया है, जिससे उन पर मनोविज्ञानिक दवाब पड़ा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मॉडल की आड़ में कांग्रेस शासन में बने कमरों पर सफेदी करके ठेकेदारों को फायदा पहुचाने वाले इस मॉडल की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में आने के बाद इस घोटाले की जांच कराऐगी। उन्होंने आंकड़ो का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में आई तब शिक्षा में बजटीय प्रावधान 866 करोड़ था और जब कांग्रेस ने सता छोडी तो बजट 5912 करोड़ था। उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी ओर केजरीवाल सरकार ने 5 सालों में शिक्षा के क्षेत्र में निर्धारित 26,577 करोड़ में से केवल 12,243.06 करोड रुपये ही खर्च किया है। जिससे साबित होता हे कि यह सरकार केवल विज्ञापनों के माध्यम से दिल्ली की जनता को गुमराह कर रही है।

श्री चोपड़ा व श्री लवली ने कहा कि यदि शिक्षा माडल इतना ही अच्छा है कि तो क्या कारण है कि पिछले 4 सालों में 1,32,000 बच्चे सरकारी स्कूलों में कम हो गए जबकि दिल्ली की आबादी बढ़ी है। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस शासन में 8 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया जो रिकार्ड है। उन्होंने याद दिलाया कि दिल्ली का असाक्षरता की दर 1.7 प्रतिशत थी जो अब बढकर 3.4 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि राजधानी के लिए इससे शर्मनाक नही हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि 10591 टीजीटी व पीजीटी के पद खाली पडे हो जो स्वीकृत पदों का 65 प्रतिशत है।

श्री लवली ने यह आरोप भी लगाया कि ईडब्लूएस छात्रों की संख्या 25 हजार से घटकर 19879 हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि अकेले 12वीं कक्षा में 18.75 प्रतिशत छात्र दिल्ली के स्कूलों में कम होना शिक्षा माडल की पोल खोलता है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि दिल्ली सरकार ने ईडब्लूएस छात्रों को दी जाने वाली नकद धनराशि को बंद कर दिया है। श्री लवली ने दिल्ली के शिक्षा मंत्री के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की।

श्री मुकेश शर्मा ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली में 500 नए स्कूल बनाने वाली इस सरकार में आज 500 स्कूलों मे प्रिंसिपल ही नही है। उन्होंने यह भी कहा कि खेल कूद के क्षेत्र में इस सरकार ने कोई काम नही किया जबकि कांग्रेस शासन में 15 नए स्पोटर्स काम्पलेक्स 14 नए स्विमिंग पूल बनाए गए थे। इसके साथ-साथ 140 स्कूलों में कोचिंग सेन्टर भी स्थापित किए गए थे, जिन्हें केजरीवाल सरकार द्वारा बंद कर दिया गया। श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस शासन में 232 नए स्कूलों की स्थापना की गई थी और 312 स्कूलों को अपग्रेड किया था। वहीं केजरीवाल सरकार ने मात्र 5 साल में 6 नए स्कूल बनाए है, जो अधूरे पड़े है और केवल 23 स्कूलों को अपग्रेड किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि 2013 में कांग्रेस शासन काल में बोर्ड की परीक्षाओं के परिणाम 99.45 प्रतिशत थे जो आज घटकर 68.90 प्रतिशत रह गए है।

श्री अनिल भारद्वाज ने कहा कि शिक्षा मंत्री श्री मनीष सिसोदिया को इन आंकड़ो की सच्चाई देखते हुए तुरंत प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के लोगों की आंखों मे धूल झोंकने के लिए केवल एक स्पोर्टस काम्पलेक्स का शिलान्यास किया है, वहीं दूसरी ओर 100 सरकारी स्कूलों के पास खेल के मैदान भी उपलब्ध ही नही है।

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