दिल्ली विधानसभा चुनाव में सम्भावित हार की आहट महसूस होते ही आम आदमी पार्टी नेता बौखला गये हैं और इसी बौखलाहट में सम्भावित हार का ढीकरा चुनाव आयोग एवं ई.वी.एम. पर फोडने का प्रयास कर रहे हैं।
भारत का चुनाव आयोग एक निष्पक्ष संस्था है पर आज जिस तरह आम आदमी पार्टी की प्रेस कांफ्रेंस में सांसद संजय सिंह ने आयोग पर संदेह प्रकट किया वह निंदनीय है।
आम आदमी पार्टी गत तीन दिन से बौखलाई हुई थी पर बिना मतदान पूरा हुऐ, अचानक आये टी.वी. चैनलों के एग्जिट पोलों में जीत की संजीवनी नज़र आई।
यह अधिकतर पोल बिना किसी आधार के हुऐ और जब 6 बजे से आने लगे तो तय है इनके आंकड़े 3 – 4 बजे के आस पास की वोटिंग पर आधारित रहे हों।
अब जिस तरह आज सांसद संजय सिंह ने चुनाव आयोग पर टिप्पणी करते हुऐ मीडिया सर्वे के सहारा लिया वह दर्शाता है की आम आदमी पार्टी बेचैन है और उसके जीत के दावे केवल मीडिया पर आधारित हैं।
यदि अरविंद केजरीवाल सच में सशक्त होते तो उन्हे कल चुनाव के बीच में मीडिया का इस्तमाल कर महिलाओं से भावनात्मक अपील ना करनी पड़ती।
कल हुऐ चनाव में भाजपा का प्रदर्शन सर्वोत्तम होगा।