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अब जब बात चली ही है तो आज हम बताने वाले है चीन के वायरस के कारण होने वाले दुनिया में लॉकडाउन और लोगों पर इसके प्रभाव की, वैसे तो इस समय पूरी दुनिया बंद है. सब कुछ ठहरा हुआ है लेकिन चाइनीज़ मूल के इंवेस्टर टेंसेंट की फंडिंग वाली बी2बी ई-कॉमर्स स्टार्ट-अप “उड़ान” ने हाल ही में अपने 3500 कॉनट्रैक्टूअल भारतीय कर्मचारियों को काम से निकाल दिया.

हमारी संस्था से बात करते हुए, बहुत से नौकरी से निकाले हुए कर्मचारियों ने बताया, उन्हें कंपनी से एक ई-मेल आया जिसमें कहा गया कि कंपनी को अब उनके द्वारा किए जा रहे काम की जरूरत नही है इसलिए उन्हें एक महीने की सैलरी देकर कंपंसेशन दिया जाएगा.

बंगलुरू के रहने वाले “उड़ान” में पूर्व रिजनल सेल्स टीम लीड हेमंत नारायण ने बताया कि वह अपने एक महीने के कंपंशेसन का इंतज़ार कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है.

हेमंत नारायण ने कहा – “उड़ान का यह कदम अमानविय है जैसे ही लॉकडाउन खत्म होगा और अर्थव्यवस्था फिर से उभरनी शुरू होगी, ऐसे में कम से कम 3 महीनों के लिए नौकरी मिल पाना मुश्किल होगा”.

यह भी बताया कि कंपनी के निकाले हुए कर्मचारियों द्वारा सोशल साइट ट्वीटर पर असोशियशन बनाई गई है, जिसने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को वीडियो कॉल कर अपनी बात पहुँचाई.

जिसके बाद पूर्व सीएम ने इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया. साथ ही देश में स्थिति बेहतर होने पर उन लोगों को नौकरी दिलवाने का वादा भी किया.

जॉब से निकाले गए कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें नौकरी से निकाले जाने का फैसला उड़ान की कंसल्टिंग फर्म द्वारा 24 अप्रैल को सुनाया गया था.

आपको बता दें कि अभी लॉकडाउन 3 मई तक जारी रहने वाला है, जिसकी आगे बढ़ने की उम्मीद काफी अधिक है. ऐसे में कंपनियों द्वारा लोगों को नौकरी से निकाला जाना एक प्रकार का बहुत गहरे संकट के उभरने की आहट है.

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