opinion

कारोना_संकट_से_निपटने_के-लिये_भारत_की_आत्मनिर्भरता_जरूरी_है

भारत में मैनुफैक्चरिंग को बढ़ावा देना अति आवश्यक है।कारोना (Cavid 19)संकट ने विश्व की धराबपटल पर एक नए युग ,नई समस्याओ और नई नीतियों की श्रृंखला शुरू कर दी है। किसी समय में आतंकवाद कुछ चुनिंदा देशों की समस्या के रूप में उभरी ,ज्यों-ज्यों आतंकवाद ने दूसरे देशों में पांव पसारे त्यों-त्यों विश्व को आतंकवाद निवारण की सामूहिक नीतियां बनाने को विवश को एक होना पड़ा।यह बात में इसलिए कह रहा हूँ कि कारोना एक ऐसी समस्या है कि इसे विश्व को लपेटने में समय न लगा।आज हर देश कम या ज्यादा Cavid 19 का ग्रास बना हुआ है।
इसलिए आवश्यक है कि आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में भारत को मेक इन इंडिया के फार्मूले पर काम करना होगा।और चीन के एकाधिकार को तोड़ना बहुत जरूरी हो गया है।अभी हाल के दिनों में चीन द्वारा मंगवाई गयी कोरोना टेस्टिंग किट फेल हो गयी जिसे चीन को वापिस भेजना पड़ा।वैसे भी चीन जैसा देश किसी का सगा नहीं है।चीन की नीति ही यह है कि दूसरे देशों को समस्याओं में उलझाओ और उनसे कमाओ।कारोनना संकट की उतपति की जांच भी बहुत सारे रहस्यों से पर्दा खोलेगी।क्योंकि आज कारोना संकट सब देशों में है,और कोई भी देश सबसे पहले अपने नागरिकों के हित की रक्षा करने के लिए ही दवाईयाँ, किट आदि की मैनुफैक्चरिंग करेगा तब कहीं दूसरे देश की मांग पूरी करेगा।अब एक बात तो तय है कि आने वाले समय में कारोना के साथ ही जीना पड़ेगा,क्योंकि यह पूरी तरह खत्म होने वाली बीमारी नहीं है।जीवन व अर्थव्यवस्था भी अब कारोना के साथ ही चलेगी।इसलिए भारत को मैनुफैक्चरिंग के क्षेत्र आत्मनिर्भर होना होगा ताकि अपने नागरिकों के हित साधने में देश की पूंजी बाहर न चली जाए,और अर्थव्यवस्था मजबूत रहेगी तभी देश मजबूत रहेगा।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Close