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जब लोगबाग घबराकर अपने घरों को भाग रहे थे तब इन बिल्डर्स ने अपने लेबर्स और स्टाफ़ को समझाया और मानसिक रूप से तैयार किया की उनके जाने से कोई मसला हल नही होगा बल्कि और सरकार और प्रशासन पर दबाव बड़ेगा।
ग़ौरतलब है कि अकेले ATS ग्रुप में 4500 लोग कन्स्ट्रक्शन से जुड़े है जबकि ACE ग्रुप के साइटों पर 1500 लेबर है। इन दोनो ग्रुप ने अपने साइटों पर लेबर के खाने पीने, उनके स्वास्थ्य के साथ उनकी तनख़्वाह का भी प्रबंध किया जा रहा है।

ACE ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अजय चौधरी ने तमाम प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए बताया की बताया कि कोरोना के भय से एनसीआर से लोग छोड़कर जाने लगे थे ख़ासतौर पर मजदूर वर्ग। लेकिन हमारे यहाँ लेबर के लिए पहले ही समूचित व्यवस्था की हुई जिसके चलते लेबर आज भी हमारे परिवार का हिस्सा है। लगभग 1500 लेबर के खाने पीने और रहने की व्यवस्था की गयी है। हमने दो टीम बनाई है एक जो सभी व्यवस्था देख रही है जबकि दूसरी टीम लेबर के स्वास्थ्य पर नज़र बनाए हुए है। सभी की नियमित जाँच हो रही है।

ग्रुप द्वारा कोरोना को लेकर अवेयरनेस भी फैलायी जा रही है। सभी लेबर्स को सोशल डिसटेंसिंग, पर्सनल हाइजीन के बारे में भी बताया जा रहा है।

ऐसे वक्त जब देश और दुनिया कोरोना की महामारी से जूझ रही है ऐसे में एनसीआर बेस्ट लीडिंग रियल एस्टेट ग्रुप ACE ग्रुप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवाहन पर कोरोना को लेकर हर सम्भव प्रयास रहा है।

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