शिकायतकर्ता ने कहा है कि अपने 1 साल 8 महीने के कार्यकाल में पारेख मुंबई में रहकर काम करते रहे, जबकि कंपनी के नियम के मुताबिक सीईओ को बेंगलुरू में रहना चाहिए. शिकायतकर्ता ने सवाल किया है कि आखिर इन्फोसिस बोर्ड इस बारे में चुप क्यों है.
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