नई दिल्ली, 28 नवम्बर। केजरीवाल सरकार द्वारा निगम का फंड रोकने के विरोध में आज उत्तरी, दक्षिणी एवं पूर्वी नगर निगम के निगम पार्षदों ने सिविक सेंटर से रोष मार्च निकालकर आईटीओ पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे निगम पार्षद हाथ में तख्ती लेकर रू. 9195.95 करोड़ रूपये निगम को वापस देने की मांग करते हुये नारे लगा रहे थे “केजरीवाल शर्म करो, निगमों का फंड जारी करो“। प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश महामंत्री श्री राजेश भाटिया ने किया। दो घंटे से अधिक समय तक आईटीओ चैक पर प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने के लिये एक प्रतिनिधिमंडल गया जिसमें प्रदेश महामंत्री श्री राजेश भाटिया, उत्तरी दिल्ली स्थायी समिति के चेयरमैन श्री जय प्रकाश, दक्षिणी दिल्ली स्थायी समिति के चेयरमैन श्री भूपेन्द्र गुप्ता एवं पूर्वी दिल्ली स्थायी समिति के चेयरमैन श्री संदीप कपूर, नेता सदन श्री तिलकराज कटारिया, श्री निर्मल जैन, पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष श्रीमती शिखा राय सम्मिलित थे। तीनों निगमों के पार्षद प्रदर्शन में शामिल हुये।
श्री राजेश भाटिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार भी शीला दीक्षित सरकार की तरह निगमों को पंगु बनाने पर तुली हुई है। निगम का लोकल एरिया हेड, प्लान हेड, नाॅन प्लान हेड और सफाई कर्मचारियों का एरियर रोक कर केजरीवाल का दलित विरोधी चेहरा भी लोगों के सामने आ चुका है। केजरीवाल के फंड रोकने से निगम के स्कूलों, अस्पतालों, डिस्पेंसरियों और सफाई के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है जिससे दिल्ली के लोगों को मूलभूत सुविधायें मिलने में दिक्कतें आ रही हैं।
श्री जय प्रकाश ने कहा कि केजरीवाल सरकार जन विरोधी है इसीलिये निगम का फंड रोक दिया है। निगम से अधिकांश गरीब तबके के लोग जुड़े होते हैं लेकिन केजरीवाल को राजनीति करने से फुर्सत नहीं है इसीलिये दिल्ली का विकास ठप्प हो गया है। हमें अपना अधिकार लेने के लिये आज सड़कों पर धरना देना पड़ रहा है, लेकिन केजरीवाल को निगम का दर्द दिखाई नहीं दे रहा है।
श्री भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार जब तक एमसीडी का फंड जारी नहीं कर देती है तब तक हम लोग इस तरह का रोष मार्च निकालते रहेंगे क्योंकि केजरीवाल सीधे तौर पर दिल्ली के विकास में रोढ़ा बने हुये हैं, लेकिन अब दिल्ली की जनता को यह तय करना है कि उसे रोढ़ा चाहिये या दिल्ली का विकास चाहिये।
श्री संदीप कपूर ने कहा कि केजरीवाल के फंड रोकने से निगम को काम करने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिसका असर दिल्ली के आम लोगों पर भी पड़ रहा है। यदि केजरीवाल को दिल्ली के विकास की चिंता है तो उन्हें बिना विलम्ब किये तीनों निगमों के फंड को रिलीज कर देना चाहिये।