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एआईकेएससीसी अधिवेशन ने 8 जनवरी को ग्रामीण भारत बन्द करने की घाषणा की

8 जनवरी को ग्रामीण भारत बन्द करने की घाषणा की

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, एआईकेएससीसी का तीसरा राष्ट्रीय अधिवेशन आज मावलंकर हाल, कौन्स्टिट्यूशन क्लब, नयी दिल्ली में 25 राज्यों के 800 प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ आज जोश और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। अघिवेशन मं राष्ट्ीय वर्किंग ग्रुप के सभी सदस्यों ने किसानों के विभिन्न सवालों पर संबोधित किया जिनमें वन अधिकार कानून, एलएआरआर 2013 के सख्ती के साथ अमल, आदिवासियों और किसानों के जबरन विस्थापन के विरूद्ध, मुक्त व्यापार संधियों के विरूद्ध जो फसलों की डम्पिंग और विदेशी कम्पनियों के खेती में हस्क्षेप बढ़ाने व नियंत्रण करने की अनुमति देती हैं, कृषि मजदूरों व बटाईदार किसानों के हक के लिए एक समग्र कानून बनाने, कारपोरेट की लूट के विरूद्ध, सभी ग्रामीण लोगों के लिए 10,000 रुपये की पेंशन देने, फसल बीमा योजना तथा आपदा मुआव्जा को सुधारने तथा जम्मू-कश्मीर के किसानों के नुकसान की भरपाई, आदि थे।

वर्किं ग्रुप सदस्यों के अतिरिक्त देश भर से आए 100 से अधिक किसान संगठनों के नेताओं ने अधिवेशन को संबोधित किया और अपने क्षेत्र के महत्वपूर्ण सवालों व गतिविधियों को प्रस्तुत किया तथा कार्ययोजना पर अपने सुझाव रखे। एआईकेएससीसी के 21 सूत्री मांगपत्र के किसाना घोषणापत्र पर भी चर्चा की गयी।

एआईकेएससीसी के भावी कार्यक्रम पर भी चर्चा की गयी और अंतिम सत्र में संयोजक श्री वीएम सिंह के साथ वर्किंग ग्रुप ने एक मीडिया सम्मेलन को संबोधित किया, जिसमेें भावी योजना प्रस्तुत की गयी।

एआईकेएससीसी ने घोषणा की कि वह देश भर में 8 जनवरी को सरकार की किसान विरोधी नीतियों और केन्द्र व राज्यों द्वारा समस्यों के हल के लिए कुछ न करने के विरूद्ध ‘राष्ट्रीय ग्रामीण बन्द’ आयोजित करेगा। यह विरोध सरकार की विभिन्न सवालों पर विफलता को प्रकाश में लाएगा जिनमें सभी फसलों के लिए सी2 पर 50 फीसदी समर्थन मूल्य, कर्ज से मुक्ति दिलाने और प्रभावी फसल बीमा तथा आपदा मुआव्जा देने व अन्य, राज्याों के सवाल थे।

अधिवेशन मे तय किया गया कि सभी राज्यों में इकाईयों को मजबूत किया जाए और 8 जनवरी के विरोध में बढ़चढ़कर भागीदारी कराई जाए। राज्य इकाईयां इसकी ठोस योजना तैयार करेंगी।

जिन नेताओं ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया उनमें वीएम सिंह, राजू शेट्टी, हनन मौला, मेधा पाटकर, अतुल अंजान, डा0 आशीष मिततल, डा0 सुनीलम, राजा राम सिंह, डा0 दर्शनपाल, सत्यवान, प्रतिभा शिन्दे, आविक सहा और किरन विस्सा शामिल थे।

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