नई दिल्ली, 20, दिसम्बर, 2019 – नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे छात्रां के साथ पुलिस ज्यादती के विरोध में आज भारी संख्या में गुस्साई महिलाओं ने दिल्ली दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुश्री शर्मिष्ठा मुखर्जी के नेतृत्व में केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के आवास पर अचानक पहुचकर सुरक्षा बलों को भी हैरत में डाल दिया। प्रदर्शनकारियों के आगे शर्मिष्ठा मुखर्जी के साथ एडवोकेट शिवानी चोपड़ा भी नारे लगाती हुई आक्रामक रुप से चल रहीं थी।
जैसे ही सुबह लगभग 11 बजे अचानक महिलाओं का गृहमंत्री आवास पर इकटठा होना शुरु हुआ, दनादन वहां पर भारी पुलिस बल को बुलाया गया और आधे घंटे की भारी कसमाकस के बाद महिला पुलिस ने सभी महिलाओं को जबरन गिरफ्तार कर लिया, बाद में कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया। गुस्साई महिलाओं ने थाने में भी नारेबाजी जारी रखी जिससे पुलिस और उनके बीच कई बार झड़पे हुई और उन्हें जेल भेजे जाने तक की तैयारी पुलिस द्वारा कर ली गई थी।
गिरफ्तारी देने वालों में शर्मिष्ठा मुखर्जी व शिवानी चोपड़ा, के अलावा उपाध्यक्ष प्रियंका सिंह, अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव नीतू वर्मा सोईंन, नंदिता हूडा, ज़िला अध्यक्ष अमरलता सांगवान , कमलेश चौधरी, पुष्पा सिंह, इंदू सूरी, राजकुमारी ढिल्लों, प्रवीणा शर्मा, के साथ नताशा शर्मा (सोशल मीडिया राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर ) शामिल थी ।
गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही दिल्ली भर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का थाने पर जगघट लगने लगा, इसी बीच प्रदेश अध्यक्ष श्री सुभाष चोपड़ा अपने सारे कार्यक्रम रद्द करके मंदिर मार्ग थाने पहुॅचे। वहां उन्होंने सभी गिरफ्तार महिलाओं से बातचीत करके उन्हें शांत कराया और पुलिस आला अधिकारियों से उन्हें तुरंत रिहा करने की मांग की। श्री चोपड़ा के दखल के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को निजी मुचलकों पर रिहा कर दिया।
शर्मिष्ठा मुखर्जी जी ने इस मौके पर कहा की मोदी सरकार इतनी बौखलायी हुई है कि महिलाओं से ज़्यादा पुलिस बल बुलाकर महिलाओं को शांतिपूर्वक प्रदर्शन भी नहीं करने दिया जा रहा, जो हर जागरूक नागरिक का मौलिक अधिकार है । पुलिस द्वारा छात्रों पर किए गए अत्याचार बिल्कुल ग़लत हैं और इसका खंडन करते हुए शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा की इस सरकार ने सभी वर्गों को, सभी धर्मों को प्रताड़ित किया है। संविधान सभी को अधिकार देता है कि वो अपनी आवाज़ उठा सकें। लेकिन यह सरकार गूँगी बहरी हो गयी है और सभी की आवाज़ दबाने में लगी है ।
एडवोकेट शिवानी चोपड़ा ने महिला प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने की निंदा करते हुए कहा कि मोदी सरकार बल प्रयोग करके छात्रों के हक में उठाई जा रही आवाज को दबा नही सकती। उन्होंने कहा कि शांति पूर्ण प्रदर्शन करना सबका लोकतांत्रिक अधिकार है।