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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित विशाल धन्यवाद रैली को किया सम्बोधित

नई दिल्ली, 22 दिसम्बर। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जिनके सिरों से अनधिकृत का ठप्पा मिटाया, उन 1731 कच्ची कालोनियों में रहने वाले 40 लाख से अधिक लोग, जिन्हें वर्षों बाद अब उनके घर का मालिकाना हक मिल गया है, वो आज दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में अपनी खुशियां बांटने, अपने लोकप्रिय प्रधानमंत्री का हार्दिक अभिनन्दन करने व आभार प्रकट करने के लिए धन्यवाद रैली में उमड़े जनसैलाब को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने की। केन्द्रीय मंत्री डाॅ. हर्ष वर्धन, दिल्ली के चुनाव प्रभारी श्री प्रकाश जावड़ेकर, सह-प्रभारी श्री हरदीप सिंह पुरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं दिल्ली प्रभारी श्री श्याम जाजू, राज्यसभा सांसद श्री विजय गोयल, सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी, श्री प्रवेश साहिब सिंह, श्री हंसराज हंस, श्री गौतम गम्भीर एवं दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय महामंत्री व राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल जैन, विधानसभा चुनाव सह-प्रभारी श्री नित्यानंद राय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री दुष्यंत गौतम, राष्ट्रीय मंत्री व दिल्ली के सह-प्रभारी श्री तरूण चुघ, श्री महेश गिरी, सरदार आर पी सिंह, सांसद श्री रमेश बिधूड़ी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय, प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सिद्धार्थन, भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा, महापौर सरदार अवतार सिंह, श्रीमती अंजू कमलकांत, श्रीमती सुनिता कांगड़ा, प्रदेश महामंत्री व कार्यक्रम संयोजक श्री कुलजीत सिंह चहल, श्री रविन्द्र गुप्ता एवं श्री राजेश भाटिया सहित प्रदेश पदाधिकारी, विधायक, निगम पार्षद, जिला, मण्डल, विभाग, प्रकल्प, प्रकोष्ठों के वरिष्ठ नेता व हजारों की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे। मंच पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का अनधिकृत कालोनियों के आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों ने स्वागत किया। प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने पदाधिकारियों के साथ पार्टी द्वारा एकत्र किये गये 11 लाख हस्ताक्षर प्रधानमंत्री को सौंपे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का स्वागत करने के लिए देश के विभिन्न राज्यों की वेश भूषाओं मंे आकर अपने-अपने पारम्परिक अंदाज में स्वागत किया। धन्यवाद रैली में उमड़े जनसैलाब के कारण रामलीला मैदान छोटा पड़ गया और हजारों लोग सड़कों पर मोदी है तो मुमकिन है के नारे लगाकर अपनी भावनायें प्रकट कर रहे थे।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मुझे संतोष है कि दिल्ली के 40 लाख से ज्यादा लोगों के जीवन में नया सवेरा लाने का अवसर मुझे और भारतीय जनता पार्टी को मिला है। प्रधानमंत्री उदय योजना के माध्यम से आपको अपने घर, अपनी जमीन और अपने जीवन की सबसे बड़ी पूंजी पर संपूर्ण अधिकार मिला, इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई। आजादी के इतने दशकों बाद तक दिल्ली की एक बड़ी आबादी को अपने घरों को लेकर डर, चिंता, अनिश्चितता, छल-कपट और झूठे चुनावी वायदों से गुजारना पड़ा है। गैर कानूनी, अनधिकृत, झुग्गी-झोपड़ी कलस्टर, सीलिंग, बुल्डोजर और एक कट ऑफ डेट, इन्हीं शब्दों के इर्द-गिर्द दिल्ली की एक बड़ी आबादी का जीवन सिमट गया था। दिल्ली की जनता को इस चिंता से मुक्त करने और इस समस्या के स्थाई समाधान करने की नीयत और ईमानदारी इन लोगों ने कभी नहीं दिखाई। हालत तो ये थी कि ये लोग कालोनियों से जुड़ी छोटी-छोटी जानकारियां जुटाने के लिए, बाउंड्री तय करने के लिए साल 2021 तक का समय मांग रहे थे। इन लोगों की इस रफ्तार को देखते हुए ही हमने कहा कि ऐसे नहीं चलेगा। हमने इस साल मार्च में ये काम खुद अपने हाथ में लिया और अब लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों में दिल्ली की कालोनियों से जुड़ा बिल पास कराया जा चुका है। इतने कम समय में टेक्नोलॉजी की मदद से दिल्ली की 1,700 से ज्यादा कॉलोनियों की बाउंड्री को चिह्नित करने का काम पूरा किया जा चुका है। इतना ही नहीं 1,200 से ज्यादा कालोनियों के नक्शे भी पोर्टल पर डाले जा चुके हैं। कॉलोनियों के नियमितीकरण का ये फैसला घर और जमीन के अधिकार से जुड़ा तो है ही, ये दिल्ली के बिजनेस, यहां के कारोबार को भी गति देने वाला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि समस्याओं को लटकाकर रखना हमारी प्रवृत्ति नहीं है, ये हमारे संस्कार नहीं है, ये हमारी राजनीति नहीं है। जिन लोगों पर देश की जनता ने अपने घरों को नियमित कराने के लिए भरोसा किया था, वे लोग दिल्ली के सबसे आलीशान और सबसे महंगे इलाकों में दो हजार से ज्यादा सरकारी बंगले, अवैध तरीके से अपने करीबियों को दे रखे थे। उन लोगों ने दिल्ली की जनता के घरों को नियमित करने के लिए कुछ भी नहीं किया लेकिन इन्हें पता नहीं था, ये मोदी है। हमने एक तरफ इन वीआईपी लोगों से दिल्ली के 2 हजार से ज्यादा सरकारी बंगले तो खाली कराए ही, दिल्ली के 40 लाख से ज्यादा गरीबों व मध्यम वर्ग के लोगों को उनके घर का हक भी दे दिया। उनकी वीआईपी उन्हें मुबारक, लेकिन मेरे वीआईपी तो देश के गरीब लोग हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों का जीवन आसान बने, ईज आफ लिविंग बढ़े, दिल्ली में कनेक्टिविटी बेहतर हो, ये केंद्र सरकार की प्राथमिकता रही है। तमाम राजनीति और अवरोधों के बीच बीते 5 वर्षों में हमने दिल्ली मेट्रो का अभूतपूर्व विस्तार किया है। 2014 के पहले दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क में औसतन करीब 14 किलोमीटर प्रतिवर्ष का विस्तार हो रहा था। हमारी सरकार आने के बाद अब ये करीब-करीब 25 किलोमीटर प्रतिवर्ष हो गया है। पिछले पाँच साल में दिल्ली में 116 किलोमीटर नई लाइनें शुरू हुई हैं। इसके अलावा अभी करीब 70 किलोमीटर नए रूट पर काम हो रहा है। दिल्ली मेट्रो के फेज-4 को लेकर अगर यहां की राज्य सरकार ने राजनीति नहीं की होती, बेवजह के अड़ेंगे नहीं लगाए होते, तो इसका काम भी काफी पहले शुरू हो गया होता। इसलिए मैं कहता हूं कि गरीबी के नाम पर राजनीति करने वाले आपकी तकलीफों को नहीं समझते।

श्री मोदी ने कहा कि बरसों से ये लोग बसों को लेकर जो बहाने बना रहे हैं, जो हालत दिल्ली की बसों की इन लोगों ने कर दी है, वो दिल्ली के लोग देख ही रहे हैं। अपने दफ्तर आने-जाने में, अपने घर आने जाने में दिल्ली के लोगों को कम से कम परेशानी हो, इसका हमने निरंतर प्रयास किया है। दिल्ली के भीतर सड़कों पर ध्यान देने के साथ ही दिल्ली के चारों ओर पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का निर्माण किया गया है। ये एक्सप्रेसवे भी बरसों से अटका हुआ था। इसे पूरा करने का काम भी हमारी ही सरकार ने किया। अब इसके बन जाने से रोजाना 30-40 हजार ट्रकों की एंट्री दिल्ली के भीतर नहीं होती, वो बाहर ही बाहर निकल जाते हैं। इससे दिल्ली के ट्रैफिक पर भी बोझ कुछ कम हुआ है और प्रदूषण की समस्या पर भी काफी अंतर आया है। शहर में प्रदूषण कम हो, इसके लिए भी हमने निरंतर प्रयास किया है। बीते 5 वर्षों में दिल्ली में सैकड़ों नए सीएनजी स्टेशन बनाए गए हैं। यहां जो उद्योग-धंधे चल रहे हैं, उनमें से आधों को पीएनजी आधारित बनाया जा चुका है। इसके अलावा हजारों ईंट भट्टों को नई तकनीक से जोड़ना हो या फिर पराली को लेकर भी आसपास के राज्यों को मदद, हमने तत्परता से काम किया है। दिल्ली की वर्तमान राज्य सरकार यहां की सबसे बड़ी समस्या से आँख मूंद कर बैठी है। ये समस्या है पानी की। दिल्ली की राज्य सरकार दावा करती है कि पूरी दिल्ली में हर जगह साफ पानी मिलता है लेकिन सच्चाई ये है कि आज दिल्ली में देशभर में सबसे अधिक वॉटर प्यूरीफायर यानि पानी को शुद्ध करने वाली मशीन बिकती है। जो वॉटर प्यूरीफायर नहीं लगा सकते, वे या तो पानी की बोतल खरीदने को मजबूर हैं या फिर उन्हें मजबूरी में प्रदूषित पानी से ही काम चलाना पड़ता है। अधिकांश जगहों पर नल से या तो पानी आता ही नहीं है और जो पानी आता भी है, उस पर लोगों को विश्वास नहीं है। इस तरह की स्थितियों से दिल्ली को बाहर निकालने के लिए मिशन मोड पर काम करना जरूरी है। इसके लिए सामंजस्य और तालमेल जरूरी है लेकिन जो लोग दिल्ली के लोगों को अपना गुलाम समझते हैं और खुद को दिल्ली का मालिक, वो इस बात को समझ नहीं सकते। क्या यह दिल्ली की जनता का अपमान नहीं है ?

प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी हाल में जो संसद का सत्र समाप्त हुआ, उसमें दिल्ली की कॉलोनियों से जुड़े बिल के अलावे दूसरा महत्वपूर्ण बिल पास हुआ सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल लेकिन इस बिल के पास होने के बाद कुछ राजनीतिक दल तरह-तरह की अफवाहें फैलाने में लगी हैं, लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। मैं उनसे जानना चाहता हूं:

ऽ क्या जब हमने दिल्ली की सैकड़ों कॉलोनियों को वैध करने का काम किया, तो किसी से पूछा क्या कि आपका धर्म है, आपकी आस्था किस तरफ है, आप किस पार्टी के समर्थक हैं? – नहीं।
ऽ जब हमने उज्जवला योजना के तहत 8 करोड़ से ज्यादा परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया, तो क्या उनका धर्म पूछा? उनकी जाति पूछी? – नहीं।
ऽ पिछले पाँच साल में हमारी सरकार ने डेढ़ करोड़ से ज्यादा गरीबों को घर बनाकर दिए हैं। हमने किसी से नहीं पूछा कि आपका क्या धर्म है – नहीं।
ऽ दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ एश्योरेंस स्कीम ‘आयुष्मान भारत’ योजना आज भारत में चल रही है। इस योजना ने देश के 50 करोड़ से ज्यादा गरीबों को, 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा सुनिश्चित की है। राजनीतिक स्वार्थ के कारण दिल्ली की राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत योजना दिल्ली में लागू नहीं की। लेकिन जिन राज्यों में ये योजना लागू हुई है, वहां लगभग 70 लाख मरीजों का अस्पताल में मुफ्त इलाज किया गया है। इसके लाभार्थियों में हिंदू भी हैं, मुस्लिम भी हैं, सिख भी हैं, इसाई भी हैं। क्या हमने इसमें धर्म देखा – नहीं।

मैं कांग्रेस, उसके सहयोगियों और उसकी तरह देश को बांटने की राजनीति करने वाले दलों से जानना चाहता हूँ कि जब हमने किसी भी योजना में देश की किसी भी जनता से कोई भेदभाव नहीं किया तो फिर ऐसे झूठे आरोप क्यों, इस तरह के आरोपों के बहाने, भारत को दुनिया भर में बदनाम करने की साजिश क्यों? इन लोगों ने दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के कई शहरों को अराजकता और डर के माहौल में धकेलने की कोशिश की है, साजिश की है। ये हिंसा और नफरत को उकसाने के लिए तो बयान देते हैं लेकिन शांति स्थापित करने के लिए कुछ भी नहीं बोलते। यदि ये शांति स्थापित करने की पहल नहीं करते तो इसका मतलब यह है कि ये हिंसा का मौन समर्थन कर रहे हैं।

विपक्ष पर हमला करते हुए श्री मोदी ने कहा कि दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी सहित कुछ विपक्षी पार्टियाँ किस तरह अपने स्वार्थ के लिए, अपनी राजनीति के लिए किस हद तक जा रहे हैं, ये आपने पिछले हफ्ते भी देखा है। जो बयान दिए गए, जिस तरह लोगों को भड़काया गया, उकसाने वाली बातें कहीं गईं, वो आपने भी देखी और सुनी होगी। इन लोगों ने दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के कई शहरों को अराजकता और डर के माहौल में धकेलने की कोशिश की है, साजिश की है। जिस तरह बच्चों की स्कूल बसों पर हमले हुए हैं, यात्री बसों पर, ट्रेनों पर हमले किए गए हैं, लोगों की गाड़ियों को जलाया गया है, ईमानदार टैक्सपेयर का पैसा जिस सरकारी संपत्ति में लगा है, उसको नुकसान पहुंचाया गया है, वह इनकी राजनीति की सच्चाई को बताता है। मैं ऐसे लोगों को कहना चाहता हूं कि अगर पत्थर मारना ही है तो मोदी को मारो, जलाना ही है तो मोदी का पुतला जला लो, लेकिन कम से कम किसी गरीब का नुकसान तो मत करो। गरीब ऑटो वालों, गरीब बस वालों को मारकर, पीटकर आपको क्या मिलेगा? जिन पुलिसवालों पर आप पत्थर बरसा रहें हैं, उन्हें जख्मी करके आपको क्या मिलेगा? मत भूलिए कि देश में 33 हजार से ज्यादा पुलिसवालों ने, शांति के लिए, आपकी सुरक्षा के लिए शहादत दी है। जब कोई संकट आता है, कोई मुश्किल आती है तो पुलिस ये नहीं पूछती कि आपका धर्म क्या है। अभी यहां दिल्ली में ही पिछले दिनों जो आग लगी, इतने लोगों की जान गई, उस समय क्या पुलिस ने पूछा था कि किस धर्म के लोग हैं? फिर क्यों ऐसा झूठ फैलाया जा रहा है? उन्होंने जोर देते हुए कहा कि झूठ बेचने वाले और अफवाह फैलाने वालों को पहचानने की जरूरत है। ये दो तरह के लोग हैं। एक वे लोग जिनकी राजनीति दशकों तक वोट बैंक पर ही टिकी रही है। दूसरे वे लोग हैं जिनको इस राजनीति का लाभ मिला है। ये लोग सोचते थे कि खुद ही सरकार है, देश उनके इशारे पर चलता है और वे जो इतिहास बताएंगे, वही सच मान लिया जाएगा।

श्री मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाले और खुद को भारत का भाग्य विधाता मानने वाले, आज जब देश की जनता द्वारा नकार दिए गए हैं, तो इन्होंने अपना पुराना हथियार निकाल लिया है-बांटों और राज करो। सिटिजनशिप अमेंडमेंट कानून भारत के किसी नागरिक के लिए, चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान, उनके लिए है ही नहीं। एनआरसी जो अभी आया ही नहीं, जिसके लिए अभी तक नियम-कायदे भी तय नहीं हुए, उसे लेकर हौवा बनाया जा रहा है। कांग्रेस और उसके जैसे दलों ने चिल्ला दिया कि वो देखो कौव्वा कान काटकर उड़ गया है और कुछ लोग कौव्वे के पीछे भागने लगे हैं, पहले अपना कान तो देखिये। कांग्रेस और उसके साथी, शहरों में रहने वाले पढ़े लिखे नक्सली-अर्बन नक्सल ये अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा। मैं हैरान हूं कि इस अफवाह ने अच्छे-अच्छे पढ़े-लिखे लोगों में भी घबराहट पैदा करने का काम किया है। पहले एक बार पढ़ तो लीजिए कि नागरिकता संशोधन एक्ट और एनआरसी है क्या। अब भी जो भ्रम में हैं, मैं उन्हें कहूंगा कि कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेन्शन सेंटर की अफवाह में मत आइए। जो इस देश की मिट्टी के मुसलमान हैं, जिनके पुरखे मां भारती की ही संतान थे, उन पर नागरिकता कानून और एनआरसी दोनों का ही कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कोई देश के मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में नहीं भेजने जा रहा। डिटेंशन सेंटर भेजने की बात अफवाह ही नहीं सफेद झूठ है। मैं तो हैरान हूं कि ये लोग झूठ बोलने के लिए किस हद तक जा सकते हैं।

नागरिकता संशोधन कानून पर विपक्ष के झूठ की हवा निकालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग सिटिजनशिप अमेंटमेंट एक्ट को गरीबों के ही खिलाफ बताने की कोशिश कर रहे हैं, कह रहे हैं कि जो लोग आएंगे वो यहां के गरीबों का हक छीनने लगेंगे जबकि ये एक्ट सिर्फ उन लोगों पर लागू होगा जो बरसों से भारत में ही रह रहे हैं। किसी नए शरणार्थी को इस कानून का फायदा नहीं मिलेगा। जो लोग इस तरह का झूठ बोल रहे हैं, उन्हें पाकिस्तान-अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से आए लोगों का हाल भी देख लेना चाहिए। ये वो लोग हैं, जिनमें अधिकतर दलित हैं, जिनको पाकिस्तान में बंधुआ मजदूर बनाकर रखा गया था। आज भी पाकिस्तान में उनके साथ भेदभाव किया जाता है। वहां पर बेटियों के साथ जो अत्याचार होता है, किस तरह जबरन शादी करके उन्हें धर्म परिवर्तन पर मजबूर किया जाता है, ये भी मीडिया में लगातार आता है। ये सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि उनकी आस्था अलग है, उनकी पूजा पद्धति अलग है। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में हुए ऐसे ही शोषण के कारण वो भारत आए हैं और बरसों से ही हमारे बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे हैं। यहां दिल्ली में ही मजनू का टीला में दो हफ्ते पहले ऐसे ही एक कैंप में एक बिटिया ने जन्म लिया है। इस बिटिया का नाम नागरिकता रखा गया है। अगर उसका जीवन आसान होता है, तो इसमें भारत के किसी भी नागरिक को क्या समस्या है? देश में दशकों से रह रहे लाखों गरीब, सताए हुए, शोषित, दलित परिवार, जो प्रताड़ना के कारण भारत आए हैं, उनसे किसी की क्या दुश्मनी है? रिफ्यूजी का जीवन क्या होता है, बिना किसी कसूर के अपने घरों से निकाल देने का दर्द क्या होता है, ये दिल्ली से बेहतर कौन समझ सकता है। यहां का कोई कोना ऐसा नहीं है, जहां बंटवारे के बाद किसी रिफ्यूजी का, बंटवारे से अल्पसंख्यक बने भारतीय का आंसू ना गिरा हो। सड़क पर हो रहा ये बवाल, उन आंसुओं का अपमान है। मैं फिर स्पष्ट करना चाहता हूं, सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट, किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं बल्कि नागरिकता देने के लिए है।

श्री मोदी ने कहा कि हमारे तीन पड़ोसी देशों के वे अल्पसंख्यक, जो अत्याचार की वजह से वहां से भागकर शरण के लिए भारत आए हैं, उन्हें इस एक्ट में कुछ रियायतें दी गई हैं, कुछ ढील दी गई है। ये रियायत महात्मा गांधी की भावना के ही अनुरूप हैं जिन्होंने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख साथियों को जब लगे कि उन्हें भारत आना चाहिए तो उनका स्वागत है। ये रियायत तब की भारत की सरकार के वादे के मुताबिक है, जो बंटवारे के कारण उस समय अल्पसंख्यक बने करोड़ों भारतीयों के साथ आज से 70 साल पहले किया गया था। आज जब भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए सरकार, इसी दशकों पुराने वायदे को पूरा कर रही है, तो इसका विरोध किया जा रहा है। अब ये कह रहे हैं कि पाकिस्तान के सभी नागरिकों को रियायत दो। ये राजनीतिक दल अब अवैध घुसपैठ करने वालों और अपनी आस्था की वजह से सताए हुए शरणार्थियों में भेद ही नहीं करना चाहते। ऐसे दुनिया के किस देश में होता है? उन्होंने कहा कि आज रंग बदलने वाले इन दलों को मैं इनके ही नेताओं और फैसलों की बात याद दिलाना चाहता हूं। ये श्री मनमोहन सिंह ही थे जिन्होंने संसद में खड़े होकर कहा था कि हमें बांग्लादेश से आए उन लोगों को नागरिकता देनी चाहिए जिनका अपनी आस्था की वजह से वहां पर उत्पीड़न हो रहा है, जो वहां से भाग कर भारत आ रहे हैं। एक दौर था जब असम के पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस के दिग्गज नेता तरुण गोगोई जी भी चिट्ठियां लिखा करते थे, असम कांग्रेस में प्रस्ताव पास हुआ करते थे कि जिन लोगों पर बांग्लादेश में अत्याचार हो रहा है, जो वहां से हमारे यहां आ रहे हैं, उनकी मदद की जाए। एक समय था जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी को भी ऐसे शरणार्थियों से हमदर्दी थी। वे तो सरकार से मांग करते थे कि जो हिंदू या सिख पाकिस्तान से भागकर यहां आए हैं, उनकी स्थिति सुधारी जाए लेकिन अब सब बदल गया है, वह सारी हमदर्दी गायब हो गई है।

विपक्ष पर हमला जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ममता दीदी कोलकाता से सीधे संयुक्त राष्ट्र पहुंच गई हैं लेकिन कुछ साल पहले तक यही ममता दीदी संसद में खड़े होकर गुहार लगा रहीं थीं कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों को रोका जाए, वहां से आए पीड़ित शरणार्थियों की मदद की जाए। आज जिस वामपंथ को भारत की जनता नकार चुकी है, जो अब समाप्ति पर है, उसी के दिग्गज नेता प्रकाश करात ने भी धार्मिक उत्पीड़न की वजह से बांग्लादेश से आने वालों को मदद की बात कही थी। आज जब इन्हीं लोगों के राजनीतिक दल, धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए शरणार्थियों को नागरिकता देने से मना कर रहे हैं, तो इनका असली चेहरा भी देश के लोगों के सामने आ रहा है। स्पष्ट है कि ऐसे दलों की उस समय की हमदर्दी सिर्फ बहाना था, देश की जनता के साथ बोला गया झूठ था। सच्चाई यही है कि ये लोग सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर सकते हैं। अपने इसी वोट बैंक के लिए ये राजनीतिक दल लगातार लोगों को भड़का रहे हैं, उनमें अफवाह फैला रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि यहां दिल्ली के लोग तो देख चुके हैं कि कैसे बस जलाने के मामले में एक नेता ने अफवाह फैलाने का काम किया और दिल्ली पुलिस तक को कठघरे में खड़ा कर दिया लेकिन अब इनका सच सामने आ चूका है। झूठ के आधार पर नफरत और हिंसा की राजनीति को बढ़ावा देने वाले ये विपक्षी दल ऐसे लोग हैं जिन्हें जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में महिला और पुरुष के आधार पर बने स्थाई निवासी कानून से तो कोई दिक्कत नहीं थी लेकिन यहां धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता का रास्ता आसान हो, इससे समस्या है। आज जो पार्टियां यहां शोर मचा रही हैं, वे 2004 में कहां थीं जब जम्मू-कश्मीर की तत्कालीन सरकार ने कहा था कि राज्य से बाहर के निवासी से शादी करने पर जम्मू-कश्मीर की बेटियों की वहां की नागरिकता खत्म हो जाएगी। क्या वह भेदभाव भारत के संविधान की स्पिरिट के अनुसार था? उन्होंने कहा कि आज देश इन्हें देख रहा है और इन लोगों के प्रति जागृत भी हो रहा है और बेचैन भी। देश हिंसा, नफरत और आतंकवाद के खिलाफ तिरंगा लेकर निकल रहा है, इसे देख कर सुकून होता है। इसे जिंदा रखने की जरूरत है। जब ये हिंसा शांत हो जाए तो भी इसे भूलिएगा नहीं, इन हिंसा की साजिश रचने वालों और अफवाह फैलाने वालों को भूलिएगा नहीं। यही लोग देश के विकास के दुश्मन हैं, भारत की एकता के दुश्मन हैं। प्रधानमंत्री जी की अपील पर सभा में उपस्थित विशाल जनसैलाब ने सिटिजन अमेंडमेंट बिल और अनियमित कॉलोनियों को वैध करने के बिल के पास होने के लिए खड़े होकर संसद के दोनों सदनों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों के हाथ में जब ईंट-पत्थर देखता हूं तो मुझे बहुत तकलीफ होती है लेकिन जब उन्हीं में से कुछ के हाथ में तिरंगा देखता हूं, तो सुकून भी मिलता है कि चलो, तिरंगे को तो थामने लगे। मुझे उम्मीद है कि अब जब तिरंगा थाम ही लिया है तो ये लोग अब हथियार उठाने वालों, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमले करने वालों के खिलाफ भी आवाज उठाएंगे। मैं टुकड़े-टुकड़े गैंग से तो विशेषकर कहना चाहता हूं कि जब तिरंगा थाम ही लिया है तो मुझे उम्मीद है कि आप नक्लली हमलों के खिलाफ भी बोलेंगे, अर्बन नक्सलियों के खिलाफ भी बोलेंगे।

श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी आज इस बात से भी तिलमिलाए हुए हैं कि आखिर क्यों मोदी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और खासकर मुस्लिम बहुल देशों में इतना समर्थन मिलता है। क्यों वो देश मोदी को इतना पसंद करते हैं। 2014 में सरकार बनने के बाद मैंने खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को शपथ समारोह में न्योता दिया था। हमने नए सिरे से दोस्ती का हाथ बढ़ाया था लेकिन बदले में हमें धोखा मिला। आज जो इस्लामिक वर्ल्ड है, खाड़ी के देश हैं, उनके साथ भारत के संबंध मौजूदा दौर में सबसे बेहतरीन हैं, तो इसकी कई वजहें हैं। आज भारत तमाम देशों के साथ अपने संबंध मजबूत करने के लिए निरंतर काम कर रहा है। फिलिस्तीन हो, ईरान हो, सऊदी अरब हो, यूएई हो, या फिर जॉर्डन, तमाम देशों के साथ भारत के रिश्ते आज एक नई ऊंचाई को छू रहे हैं। अफगानिस्तान, फिलिस्तीन, सऊदी अरब, यूएई, मालदीव और बहरीन ने भारत को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है, भारत की संस्कृति के साथ अपने रिश्ते को और प्रगाढ़ करने की कोशिश की है। पिछले पांच वर्षों में मुस्लिम देशों ने जिस प्रकार और जितनी संख्या में भारतीय कैदियों को छोड़ा है, वो अभूतपूर्व है। सऊदी अरब हो या कुवैत, कतर हो या बहरीन, इन सब देशों ने भारत के जितने कैदियों को छोड़ा है, उतने पहले कभी नहीं छोड़े गए। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है … इसकी वजह है भारतीय संस्कृति, सभ्यता के प्रति उनका सम्मान। बांग्लादेश के साथ हमारे संबंधों में जितनी प्रगाढता आज है, वो वर्षों बाद हुई है। बांग्लादेश के साथ मिलकर भारत, बंटवारे के समय से चली आ रही समस्याओं को सुलझा रहा है। जमीन को लेकर विवाद हो, कनेक्टिविटी हो, रेलवे का काम हो, नए जलमार्ग हों या ब्रॉडबैंड का विस्तार, बांग्लादेश के साथ हम कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। ये सारी बातें कांग्रेस और उसके साथियों को पच नहीं रहीं। वे यही सोचते हैं कि मोदी को मुस्लिम देशों का समर्थन मिलेगा, तो वो भारत में अपना नरैटिव कैसे बनाएंगे, मुस्लिमों को कैसे भड़काएंगे। इसलिए समय-समय पर ये दल नई-नई साजिशें लेकर आते हैं। इस समय भी इनकी साजिशों का नया दौर शुरू हुआ है। ऊपर से लोकसभा चुनाव के नतीजों ने, तीन तलाक पर मुस्लिम बहनों-बेटियों और उनके पिता-भाइयों के समर्थन ने इनकी टेंशन और बढ़ा दी है। इसलिए मैं कहूंगा- टेप रिकॉर्ड की मत सुनो, हमारे ट्रैक रिकॉर्ड को देखो।

प्रधानमंत्री ने देश की जनता को आश्वस्त करते हुए कहा कि आप आश्वस्त रहिए, इन लोगों की साजिशों के बावजूद आपका ये सेवक देश को झुकने नहीं देगा, बंटने नहीं देगा। ये लोग तो मेरे साथ आज से नहीं, दो दशकों से इसी तरह का व्यवहार कर रहे हैं, अपने इसी पैटर्न पर चल रहे हैं। मैं इनकी रग-रग से वाकिफ हूं, तभी आज यहां हूं वरना मुझे रास्ते से हटा देने के लिए हर तरह की कोशिश ये लोग कर चुके हैं। ये मेरा सौभाग्य है कि जितनी नफरत ये लोग मुझसे करते हैं, देश की जनता का प्यार, उनका स्नेह मुझ पर उतना ही बढ़ता है। देश की सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी होगा, देश के लोगों के हितों के लिए जो भी जरूरी होगा, वो करने से कोई हमें रोक नहीं पाएगा। आपका ये आशीर्वाद इनकी हर साजिश को बेनकाब करेगा, नाकाम करेगा। मैं एक बार पुनः दिल्ली के लाखों लोगों को अपने घर और अपनी जमीन के अधिकार के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुये दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में समस्याओं का अंबार लगा है लेकिन वर्तमान सरकार अपनी मनमानी कर रही है। नांगलोई का रात्रि प्रवास याद आता है जहां लोगों की भीड़ ने हमसे कहा कि हम पर से अनधिकृत का ठप्पा मिटा दो, शौचालय नहीं है उनका निर्माण करवा दो। शशी गार्डन में देवली में लोगों ने कहा स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहतर करवा दो, शराब के ठेके खोले जा रहे है इन्हें बन्द करवा दो। तिमारपुर में महिलाओं ने कहा पार्क नहीं हैं, सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं, हमसे वादा तो किया गया, लेकिन पूरा नहीं किया गया। बुराड़ी में मासुम बच्चे ने कहा कि सड़कों की हालत जर्जर है, यहां की सड़कें मेरठ हाईवे की तरह बनवा दो। जनकपुरी में लोगों की साफ पानी की बहुत बड़ी समस्या थी, जिसे हमने अपने स्तर पर हल करवाया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सबके लिए काम किया। एक मसीहा के रूप में मोदी जी ने कच्ची कालोनियों में रह रहे लाखों लोगों के दर्द को समझा और उसका एक ऐतिहासिक निर्णय से समाधान कर दिया।

दिल्ली की जनता को नारा देते हुये श्री तिवारी ने कहा कि एक अकेला मोदी खड़ा है, भारत देश बचाने को, सारे विपक्षी मिलकर खड़े हैं, आज उसको हराने को। वक्त आ गया है अब दिल्ली में पांच साल भाजपा की जरूरत है। सारा विपक्ष कोशिश कर रहा है हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई एकता को तोड़ने की, लेकिन भारत एक है और उसे कोई तोड़ नहीं सकता है। दिल्ली में चुनाव को देखते हुये कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दलगत राजनीति कर रही है। दिल्ली हमारी मां है और उसको विकास के मार्ग पर अग्रसर करना हमारा कर्तव्य है। आज दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में हम संकल्प लेते है कि अब हम अपनी मां का और नुकसान नहीं होने देगें। दिल्ली से अराजक केजरीवाल सरकार को हटाकर दिल्ली में भाजपा की सरकार बनाने के लिए जनता तत्पर है।

केन्द्रीय मंत्री डाॅ. हर्ष वर्धन ने कहा कि 40 लाख से अधिक लोगों के दुख को समझते हुये मोदी जी ने अनधिकृत काॅलोनियों को नियमित किया। 2008 में रामलीला मैदान में ही कांग्रेस ने रैली कर लोगों को झूठे प्रमाणपत्र बांटे और कहा कि आपकी काॅलोनियां नियमित हो जायेगी। आम आदमी पार्टी ने भी सभी कामों में बाधा पहुंचाने का काम किया, लेकिन भाजपा ने जो कहा वो किया। गरीबों के मसीहा के रूप में मोदी जी ने देश सेवा को जीवन समर्पित किया है। आम आदमी पार्टी ने 2015 में विधानसभा चुनाव के दौरान 70 वादे किये थे, लेकिन दिल्ली की जनता के साथ केवल धोखा हुआ है। देश का दिल कहलाने वाली दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली के विकास के नाम पर जनता से वोट बटोरे और मुख्यमंत्री बनते ही जनता को ही भूल गए। आम आदमी पार्टी अभी भी नींद में है, दिल्ली के लोगों से 70 वादे किए थे लेकिन कोई भी वादा पूरा नहीं किया। लेकिन अब दिल्ली के लोग इनके झूठे वायदों में फंसने वाली नहीं है। हम दिल्ली के अंदर देख रहे हैं कि लगातार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता व विधायक नकारात्मक राजनीति करते हुए माहौल को खराब कर रहे हैं। जनता ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को पहले निगम में और बाद में लोकसभा चुनावों में नकार चुकी है और अब विधानसभा चुनाव में भी नकार कर भाजपा की सरकार बनायेंगे।

धन्यवाद रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री एवं दिल्ली के चुनाव प्रभारी श्री प्रकाश जावेड़कर ने कहा कि दिल्ली में 45 दिन के बाद चुनाव होना है और मुझे पूर्ण विश्वास है कि दिल्ली में आम आदमी की पार्टी की सरकार जाएगी और भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार आएगी। दिल्ली के लोगों को तय करना है कि उन्हें विकास करने वाली सरकार चाहिए या विनाश करने वाली सरकार चाहिए, राष्ट्रवाद पर चलने वाली सरकार चाहिए या अराजकतावाद फैलाने वाली सरकार चाहिए, सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करने वाली सरकार चाहिए या सैनिकों के पराक्रम पर आशंका करने वाली सरकार चाहिए, दुश्मनों को घर में घुसकर मारने वाली सरकार चाहिए या सेना पर सवाल उठाने वाली सरकार चाहिए, जेएनयू में जिन लोगों ने नारा लगाया ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशाल्लाह-इंशाल्लाह’ को समर्थन देने वाली सरकार चाहिए या देश विरोधियों को सलाखों को पीछे पहुंचाने वाली सरकार चाहिए, 26 जनवरी की परेड रोकने के लिए धरना देनेवाली सरकार चाहिए या देश का गौरव बढ़ाने वाली सरकार चाहिए, धार्मिक प्रताड़ना झेल रहे शरणार्थियों को अधिकार देनेवाली सरकार चाहिए या उनका विरोध करने वाली सरकार चाहिए, राम मंदिर बनाने वाली सरकार चाहिए या उसका विरोध करने वाली सरकार चाहिए, 370 हटाने वाली सरकार चाहिए या चुनाव देखकर काम करने वाली सरकार चाहिए।

श्री जावड़ेकर ने कहा कि ये राष्ट्रवाद और अराजकतावाद की लड़ाई है, विकास बनाम विनाश की लड़ाई है। मोदी सरकार ने दिल्ली में एक्सप्रेस-वे बनाने में 17 हजार करोड़ खर्च किया, लेकिन दिल्ली सरकार ने अपने हिस्से का पैसा नहीं दिया। दिल्ली के लोगों को अब यह तय करना है कि मेट्रो बनाने वाली सरकार चाहिए या मेट्रो रोकने वाली सरकार चाहिए, आयुष्मान योजना लागू करने वाली सरकार चाहिए या इसे रोकने वाली सरकार चाहिए, दिल्ली को गंदा पानी देने वाली सरकार चाहिए या साफ पानी देने वाली सरकार चाहिए, एमसीडी का पैसा रोकने वाली सरकार चाहिए या दिल्ली में विकास करने वाली सरकार चाहिए। दिल्ली में काम करने वाली सरकार चाहिए या झूठी घोषणाओं वाली सरकार चाहिए। मुझे पूर्ण विश्वास है कि निगम में, दिल्ली में और देश में भाजपा की सरकार होगी तभी होगा दिल्ली और देश का समुचित विकास। यही होगी देश और दिल्ली का विकास करने वाली सरकार।

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