प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को आज भेजे गए एक पत्र में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने उनसे आग्रह किया है कि दिल्ली के 10 लाख से अधिक व्यापारियों को सीलिंग के हमले से बचाने के लिए वो एक एमनेस्टी स्कीम की घोषणा करें जिससे 13 वर्ष से सीलिंग से पीड़ित व्यापारी राहत पा सकें !
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे अपने पत्र में कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने दिल्ली में 1731 अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण का स्वागत करते हुए कहा कि इससे न केवल 40 लाख से अधिक लोगों को लाभ होगा बल्कि 3 लाख से अधिक गरीब तबके के लोगों की छोटी दुकानों की सुरक्षा भी होगी जो प्रतिदिन अपनी रोजी रोटी कमाते हैं!
श्री खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वे अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की तर्ज़ पर दिल्ली के व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सीलिंग से बचाने के लिए एक एमनेस्टी स्कीम की घोषणा करें जिसमें 31 दिसंबर, 2019 तक व्यापारिक प्रतिष्ठानों को यथास्थिति में रहने दिया जाए और जिन दुकानों को सील किया गया है उनकी सील तुरंत खोली जाए !एमनेस्टी योजना के तहत आने वाली दुकानों के संरचित विकास के लिए विशेष रूप से विकास मानदंड बनाये जाएँ ! उन्होंने यह भी कहा की इसके लिए सरकार व्यापारियों से कुछ वाजिब शुल्क भी ले सकती है ! विकास मानदंडों के समयबध्द क्रियान्वयन के लिए सरकार एक विशेष टास्क फाॅर्स का भी गठन करे !
श्री खंडेलवाल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित निगरानी समिति ने एमसीडी अधिनियम, 1957 के अनिवार्य प्रावधानों का पालन करने के बजाय अपने स्वयं के नियमों को लागू किया है। यह अनुमान है कि वर्ष 2007 से दिल्ली में 7000 से अधिक दुकानें सील हैं और दुकानों को डी-सील करने का हर प्रयास बिना किसी तर्क के निगरानी समिति द्वारा रद्द कर दिया जाता है। शहरी विकास मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी के प्रयासों द्वारा मास्टर प्लान 2021 में किये गए संशोधनों को भी मॉनिटरिंग कमेटी नहीं मानती है ! ऐसे सभी संशोधन जो पहले ही कानूनी रूप ले चुके हैं और लाखों व्यापारियों को सीलिंग से राहत दे सकते हैं लेकिन मॉनिटरिंग कमेटी अपने अड़ियल रवैय्ये के कारण किसी भी बात को मानने को तैयार नहीं है !
श्री खंडेलवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते हुए कहा की उन्होंने ने भी जिसने दिल्ली के व्यापारियों को सीलिंग के प्रकोप से बचाने के लिए एक भी कदम नहीं उठाया है। यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में शुरू हुई सीलिंग प्रक्रिया ने दिल्ली के सदियों पुराने व्यापार वितरण चरित्र को बहुत नुकसान पहुंचाया है। व्यापार और वाणिज्य गतिविधियाँ काफी कम हो गई हैं। हालांकि उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल ने व्यापारियों की मदद के लिए उनके तहत सभी सहायता प्रदान की है। सीलिंग की प्रक्रिया और निगरानी समिति के सबसे अतार्किक रवैये के कारण व्यापारी पिछले 13 सालों से काफी पीड़ित हैं। कैट ने प्रधानमंत्री से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप का आग्रह करते हुए एमनेस्टी स्कीम लाने का अनुरोध किया है !