29 जनवरी 2020, अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री यषपाल मलिक द्वारा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की सदस्य श्रीमती सुधा यादव के द्वारा हरियाणा के अखबारों में छपी खबर कि जाटों द्वारा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को कोई प्रतिवेदन नहीं दिया है। इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुऐ उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित पद पर बैठे लोगों को झूठ नहीं बोलना चाहिये। मलिक ने बताया कि वह स्वयं 13 जनवरी 2020 को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के कार्यालय में जाकर हरियाणा सहित देष के सभी 13 राज्यों के जाटों को केन्द्र की ओबीसी सूची में शामिल करने का प्रतिवेदन राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के कार्यालय में जमा करा कर आये हैं। उस दिन चेयरमैन राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग कार्यालय में उपस्थित नहीं थे। वहां पर अन्य सदस्यों की उपस्थिति के बारे में कार्यालय स्टाफ द्वारा उपस्थित ना होना कारण बताया था। मलिक ने कहा कि श्रीमती सुधा यादव को अपने कार्यालय से वस्तु स्थिति से अवगत होकर जाट समाज को आरक्षण दिलाने के प्रयास करने चाहिये।
22 फरवरी 2020 को आयोजित होने वाली रैली से पहले कुछ जाट विरोधी राजनेता जाट युवाओं को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर समाज के गुमराह व पथभ्रष्ट लोगों को गुमराह कर संघर्ष समिति के वरिष्ठ पदाधिकारियों पर निजि हमले करा कर आन्दोलन को कमजोर करना चाहते हैं। 27 जनवरी 2020 को श्री अषोक बलहारा के साथियों पर पंचकुला कोर्ट में सुनियोजित हमला कर इसी तरह का षडयन्त्र है। जिसको संघर्ष समिति के साथ-2 जाट समाज बर्दाष्त नहीं करेगा।
मलिक ने कहा कि हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग को भी हरियाणा के जाट का प्रतिवेदन दे दिया गया था जब उसने 2017 में मांगा था। अतः जाट आरक्षण को देने का कार्य प्रदेष व केन्द्र सरकार के हाथों में है। भाईचारा न्याय यात्रा के माध्यम से भी जाट समाज की मांगों से सम्बन्धित ज्ञापन प्रदेष के मुख्यमन्त्री, उप मुख्यमंत्री व सभी मन्त्रियों सहित सभी विधायकों को दिया जायेगा।