हमारे सहयोगी दलों ने NPR को अस्वीकार किया हैं या उसका बहिष्कार करने के लिए लोगों से अनुरोध किया हैं, क्योंकि NPR भेदभावपूर्ण नागरिकता शासन की ओर पहला कदम है। इसके अलावा, हमने NPR व जनगणना के गठबंधन का विरोध किया हैं, क्यों कि यह जनगणना में ली गयी गोपनीय, और महत्वपूर्ण जानकारी को खतरे में डालता हैं। अनेक राज्य सरकारों ने भी NPR के लागू होने का विरोध अपनी सभाओं में प्रस्ताव पारित किए हैं और आदेश जारी किए हैं।
इस जानकारी को याद रखते हुए, हमने गृहमंत्री अमित शाह के 12 मार्च 2020 को राज्यसभा में दिए गए बयान को गौर से पढ़ा हैं, जिसमें वह देश को साफ़ यकीन दिलाते हैं की अगर किसी भी व्यक्ति के पास NPR में मांगी जाने वाली जानकारी उपलब्ध नहीं हैं, तो उन्हें यह जानकारी पेश करने की आवश्यकता नहीं, और NPR का इस्तेमाल किसी भी नागरिक को “संदेहजनक” का दर्जा देने हेतु नहीं किया जाएगा। हम गृहमंत्री के इन भावों का स्वागत करते हैं, और अब इस बयान के आधार पर विधि निर्माण की कामना करते हैं — अर्थात, कामना करते हैं कि केंद्रीय सरकार The Citizenship (Registration of Citizens and Issue of National Identity Cards) Rules, 2003 का अमेंडमेंट (संशोधन) करेंगे। इस अमेंडमेंट का लक्ष्य होना चाहिए इन Rules में से NPR का हर ज़िक्र हटाना। या फिर उचित यह भी होगा अगर यह अमेंडमेंट Rule 3 (5), 4(3), 4(4) को हटा दे, जो NPR का इस्तेमाल नागरिकों को “संदेहजनक” का दर्जा देने हेतु करने की और उन्हें NRIC से निकालने की इजाज़त देती हैं। उचित यह भी होगा कि केंद्रीय सरकार Rule 7(2) और 17 का भी संशोधन करे, और निश्चित करें कि NPR में अपनी जानकारी देना अनिवार्य न हो और यह भी कि जानकारी न दे पाने पर किसी को भी सजा नहीं दी जायेगी। हम मानते हैं की यह अमेंडमेंट गृहमंत्री के सभा में कहे शब्दों को प्रभावशाली बनाएंगे और NPR के प्रति लोगों में प्रचारित शंकाओं को दूर करेंगे।
केंद्रीय सरकार का इन अमेंडमेंट को क़ानूनी रूप देने पर तुरंत, हम NPR बहिष्कार करने का लोगों से किया अनुरोध वापस लेने को तैयार होंगे। इसके बावजूद, CAA, NPR, और तमाम विभेदक नागरिकता शासन के विरोध चलता आंदोलन शान्ति, अहिंसा, और लोकतांत्रिकता से चलता रहेगा।
गणेश देवी और योगेंद्र यादव
We The People of India
रवि नैर और मुज्तबा फ़ारूक़ी
Alliance Against CAA-NRC-NPR