जीपी हिंदुजा, एसपी लोहिया, बीके मोदी, अभिजीत रंजन तथा प्रख्यात जैनाचार्य लोकेश एवं अनूप जलोटा ने मौजूदा हालात पर चर्चा की
विकास की अवधारणा को नए सिरे से परिभाषित करने की जरूरत – आचार्य लोकेश
मानव मूल्य व भौतिकता के बीच संतुलन जरूरी – हिंदुजा
भारतीय जीवन शैली मौजूदा समय में अधिक प्रासंगिक – मोदी
नयी दिल्ली : विश्व के कई बड़े NRI उद्योगपति, धर्माचार्य व कला संस्कृति से जुड़ी विशिष्ट हस्तियों ने करोना महामारी के मौजूदा हालात पर “व्यक्तिगत एवं व्यवसायिक जीवन मे नैतिक व मानवीय मूल्य “ के ऊपर गंभीर चर्चा की। ऐसा पहली बार हुआ कि यूरोप में बसे भारतीय उद्योगपतियों ने पहली बार कोरोना महामारी के बीच एक मंच पर आकर विचार विमर्श किया।
हिंदुजा ग्रुप के प्रमुख श्री गोपीचन्द हिंदुजा ने कहा कि मानव मूल्य व भौतिकता के बीच संतुलन जरूरी हैं । मौजूदा समय में धर्म व संस्कारों को भुलाने से विकट परिस्थिति उत्पन्न हुई हैं। उन्होंने कहा कि बचपन मे अभिभावकों द्वारा मूल्यो पर अडिग रहने के संस्कार दिये जिसका प्रभाव आज भी हैं ।
इंडो रामा के प्रमुख एस. पी. लोहिया ने कहा कि संयम आधारित अनुशासित जीवन शैली सबसे उत्तम हैं। जीवन मूल्यों को नज़रअंदाज़ करने से अनेक समस्याए उत्पन्न होती हैं । उन्होंने मौजूदा समय मे सकारात्मक सोच को बनाए रखने पर ज़ोर दिया।
मोदी ग्रुप के प्रमुख डॉ. बी. के. मोदी ने कहा कि भारतीय जीवन शैली मौजूदा समय में अधिक प्रासंगिक हैं। भारतीय रहन- सहन व खानपान स्वत: ही अनेक बीमारियों से बचा लेता हैं। उन्होंने कहा कि व्यवसाय के लिए हम दुनिया के किसी भी कोने मे रहें किन्तु भारत हमारे दिल में रहना चाहिए ।
गैमन इंडिया के प्रमुख अभिजीत रंजन ने कहा कि भारतीय संस्कृति ने सदैव संतुलन की बात कही हैं, उसी से स्वस्थ समाज का निर्माण होता हैं । उन्होने कहा कि हम ऊंचा उठे, विकास करे किन्तु अपनी मूल जड़ो को कभी न भुलाए ।
इस अवसर पर अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक प्रख्यात जैनाचार्य लोकेशजी ने कहा कि मौजूदा हालात मे विकास कि अवधारणा व जीवन शैली को नए सिरे से परिभाषित करने की जरूरत हैं । उन्होने कहा कि धर्म का विकास से विरोध नही हैं किन्तु जो विकास अध्यात्म की नीव आधारित नही होता हैं वह वरदान के बजाय अभिशाप बन जाता हैं ।
इस अवसर पर प्रदीप उधास, KPMG, अवध ग्रुप के विनीत मित्तल, शीतल सिंह, जाने माने अंक ज्योतिषी श्री संदीप कोचर, दुबई के डाइमंड किंग अमित दमाणी, ऋषिकेश से योग गुरु डॉ अमृतराज, दुबई से रश्मि मेहता, न्यूयॉर्क से जगदीश शेवहनी, आरएसएस के श्री रवि कुमार अय्यर, मुंबई से चंद्रू हिंदुजा, गुल हिंदुजा ने भी संगोष्ठी में भाग लिया ।
संगोष्ठी के प्रारम्भ व समापन पर भजन सम्राट अनूप जलोटा ने आध्यात्मिक भजन प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। संगोष्ठी का संचालन विवेकानंद यूथ कनैक्ट फ़ाउंडेशन के प्रमुख डॉ राजेश सरवादन्या ने कुशलता किया।