नई दिल्ली, 10 मई। दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने बुराड़ी में राशन वितरण के दौरान कोरोना से पीड़ित होकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम की शिक्षिका की हुई मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने दिल्ली सरकार से मृतक शिक्षिका के परिजनों को तुरंत 1 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि एवं परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने की मांग की है। शिक्षिका की मौत के लिए दिल्ली सरकार की आपदा प्रबंधन की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली में कोरोना की रोकथाम के नाम पर दिल्ली सरकार की लापरवाही जानलेवा साबित हो रही है। अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए कभी अरविंद केजरीवाल मौतों के आंकड़ों से खेल करते हैं तो कभी भ्रष्टाचार की गुंजाइश पैदा करने के लिए बिना सुरक्षा उपायों के साथ कोरोना योद्धाओं को महामारी के मुंह में झोंक देने का काम कर रहे हैं।
श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली ने एक और कोरोना वारियर को खो दिया। दिल्ली नगर निगम के शिक्षक-शिक्षिका बिना किसी अवकाश के दिन-रात राशन वितरण करने की ड्यूटी कर रहे हैं। यह दिल्ली सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करें लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में व्यस्त हैं। श्रेय लेने की होड़ में उन्होंने मानवता को ताक पर रख दिया है।
श्री मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि अपनी राजनीति साधने के लिए अरविंद केजरीवाल सरकारी संसाधनों को दुरुपयोग कर दिल्ली के हितों की अनदेखी कर रहे हैं और बुराड़ी में एक शिक्षिका की हुई मौत उसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण है। अगर केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाला फ्री राशन अपने संसाधनों के माध्यम से दिल्ली के उपभोक्ताओं के घरों तक पहुंचाने का काम दिल्ली सरकार करती तो सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ एक बड़े जोखिम से कोरोना योद्धाओं को बचाया जा सकता था। चाहे शराब की दुकानों को खोलने का संदर्भ हो या राशन वितरण की व्यवस्था, दिल्ली सरकार लापरवाह तरीके से जरूरतमंदों की भीड़ इकट्ठा कर कोरोना को दावत दे रही है इसलिए सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करने के बजाय महामारी की रोकथाम में लगे को कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए और इसके लिए जरूरी है कि सरकारी खजाने का दुरुपयोग बंद किया जाए।