
नागरिकता संशोधन बिल पर भाजपा नेता आकाश जोशी से खास बातचीत की। बिल पर उन्होंने बेबाक राय दी।उन्होंने कहा कि,
नागरिकता संशोधन बिल संसद में आते ही पूरे देश ने देखा, कांग्रेस वही भाषा बोल रही है जो पाकिस्तान के नेता बोल रहे है।
क्या कांग्रेस को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदू ,सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय की वेदना सुनाई नहीं देती।
इन तीनों मुस्लिम देशों में हजारों अल्पसंख्याक महिलाओं पर अगणित अत्याचार हुए।
कितने लोगों को मार दिया गया।
हजारों-लाखों लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया।
इस नरसंहार के बीच वह अल्पसंख्यक भारत में आश्रय लेने आए हैं।
क्या हमारा नैतिक दायित्व नहीं बनता कि उनको हम नागरिकता दें।
नर्क की यातना से उनको बचाए।
देश ने यह भी देखा की कांग्रेस और उनके सहयोगी दल किस प्रकार वीर सावरकर जी का भरे सदन में अपमान करते रहे और खुद को सावरकर भक्त कहने वाली शिवसेना मुख दर्शक बन कर देखती रही।
सत्ता का लालच बड़ा अजीब है।
शिवसेना ने लोकसभा में इस बिल को समर्थन दर्शाया था।
लेकिन 1 दिन में ऐसा क्या हुआ कि शिवसेना का रूप बदल गया और राज्यसभा में उन्होंने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
लोगों ने अभी देखा कि किस प्रकार संसद में इस्लाम को लेकर एक प्रोपेगंडा तैयार करने का प्रयास किया गया। मुसलमानों में डर है यह बात कांग्रेस बार-बार करती रही। सभी को यह समझना आवश्यक है कि इन तीनों मुस्लिम देशों में मुसलमान अल्पसंख्याक नहीं है।
वहां के हिंदू ,सिख, बौद्ध, पारसी, ईसाई यह अल्पसंख्याक अपनी जान बचाने के लिए,
धार्मिक प्रताड़ना सहन करने के कारण भारत में आए हैं।
कांग्रेस और उसके सहयोगी दल आर्टिकल 14 का हवाला देते हुए कहते रहे कि यह सुप्रीम कोर्ट में बिल नहीं टिकेगा।
मैं उनको कहना चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट में क्या होगा वह सुप्रीम कोर्ट तय करेगा।
लेकिन संसद में समाज हित और देश हित के निर्णय लेते समय ,
बिना डर के निर्णय लेना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृहमंत्री अमित भाई शाह जी ने एक ऐतिहासिक काम कर दिया है।
धारा 370, राम जन्मभूमि, तीन तलाक, NIA बिल,
ऐसे कई साहसिक निर्णय लिए है।
मुझे लगता है की जनसंख्या नियंत्रण कानून भी जल्द आएगा।
अभी उस समय हमारे कांग्रेसी मित्र क्या करते हैं?
यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा।
आकाश जोशी, भाजपा नेता