कोई बता सकता है कि कुल कितने ट्रेक्टर दिल्ली आयेंगे
एक छोटा सा हिसाब-किताब कर रहा था।
पंजाब के ब्यास इलाके से 50 हज़ार की संख्या बताई जा रहीं हैं। 500km का सफ़र तक़रीबन, आना जाना 1000 km.
दिल्ली लोकल परेड जाम की स्थिति अलग।
ट्रैक्टर की एवरेज तक़रीबन 6 km प्रति लीटर यानी
1000÷6 = 166.66 लीटर रेट तकरीबन 75/- मतलब 166.66×75=12499.50 पैसे,
समझ आया किसी को यहां तक 12499.50 × 50000 = 624975000/-
यानी 62 करोड़ 49 लाख 75 हज़ार।
किसान नेता तो 3 लाख टैक्टर कह रहें हैं यानी करीब 400 करोड़ रु
और इन लाखो लोगो का खाने पीने रहने झंडे बैनर सामान आदि आदि का खर्चा जो लगभग करीब 200 करोड़ रु कम से कम
यानी एक रैली का करीब 600 करोड़ रु खर्चा
अब सोचने वाली बात है कि क्या ये आंदोलन गरीब किसानों का हो रहा है या गमलों में गोभी उगाने वाली कांग्रेस समर्थित बिचौलियों और देश विरोधी नेताओ का प्रपंच है जो भोले भाले किसानों को मोदी के खिलाफ मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहे है
हाँ, तो फ़िर इनके पीछे की फंडिंग कौन कर रहा है, देशी या विदेशी। जाहिर है गरीब किसान को तो रोटी ढंग से नसीब नही है तो सैकड़ो करोड़ कहां से खर्चे करेगा।
अवश्य विचार करें –