
दुनिया में ईसाइयों के 107 देश है, मुसलमानों के 57 देश है लेकिन हिन्दू राष्ट्र कोई भी नहीं है। आख़िरी हिन्दू राष्ट्र नेपाल था जिसको भी राजीव गांधी ने वामपंथियों को समर्थन देकर secular बनवा दिया था। भारत दुनिया का एकमात्र देश है जहाँ हिन्दू बहुसंख्यक है लेकिन जनभावनाओ के विरुद्ध कांग्रेस ने भारत को हिन्दू राष्ट्र नहीं बनने दिया। सोचो अगर दुनिया के सताए हुए हिन्दू को भारत में जगह नहीं मिलेगी तो कहाँ मिलेगी। मुसलमानो के 57 देश है फिर भी मुसलमान मुस्लिम देश से भाग कर भारत में ही रहना चाहते है। भारत अगर हिन्दू शरणार्थियों को नागरिकता नहीं देगा तो कौन देगा। इन बेचारों का दुनिया में है ही कौन। इस नागरिकता बिल से भारत के नागरिक मुसलमानो को क्यों परेशानी हो रही है, बात समझ से परे है। जो मुसलमान शरणार्थी है अगर वो यहाँ परेशान है तो वे किसी भी मुस्लिम देश में शरण ले सकते है और जो घुसपैठिया है उन्हें यहाँ से निकाल देना चाहिए। शरणार्थी और घुसपैठियों को निकालने की बात पर सबसे ज़्यादा secular कहलाने वाले शोर मचाते है और ये मूल नागरिकों के अधिकारो का जो हनन करते है उसकी किसी को चिंता नहीं है। पहली बार लग रहा है कि दुनियाँ में कोई हिन्दू हितेषी भी है।
( बाल किशन के अपने विचार है )