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आम आदमी पार्टी का रिपोर्ट कार्ड दिल्ली की जनता के साथ किये गये धोखे का प्रतीक है- मनोज तिवारी

नई दिल्ली, 24 दिसंबर। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आज अपनी सरकार के पांच साल के रिपोर्ट कार्ड को मीडिया के सामने रखा। आम आदमी पार्टी की सरकार के पांच साल के रिपोर्ट कार्ड को जनता के साथ धोखा बताते हुये भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार का रिपोर्ट कार्ड उनके कार्यकाल का लेखा जोखा होने की बजाय झूठ व भ्रम की वो रिपोर्ट है जिसे जनता के सामने रख कर, केजरीवाल एक बार फिर दिल्ली की जनता को गुमराह करने की नाकाम कोशिश कर रहे है। 70 वादे कर 74 झूठ बोलने वाले मुख्यमंत्री अपने रिपोर्ट कार्ड में अपनी ही सरकार का गुणगान कर रहे है जबकि सत्यता ठीक इसके विपरीत है। शिक्षा को लेकर क्रांतिकारी परिवर्तन के तमाम बड़े दावे करने वाले मुख्यमंत्री पहले दिल्ली के लोगों को बतायें कि 500 नये स्कूल और 20 नये कॉलेज जिसका उन्होनें वादा किया था वो कहां है? दिल्ली में लगभग 21 लाख छात्र है जिनकों शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों की भारी कमी है जिसके कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री को 20 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति करनी थी लेकिन कार्याकाल दिल्ली सरकार का पूरा होने को आया और एक भी शिक्षक नियुक्त नहीं किया गया। क्लासरूम बनाने के नाम पर भ्रष्टाचार करने वाली केजरीवाल सरकार ने शिक्षा के नाम पर 2 हजार करोड़ से भी अधिक का घोटाला किया। दिल्ली की शिक्षा में भ्रष्टाचार का पूर्णत बोलबाला कर दिल्ली के खजाने को लूटने का काम किया गया है।

श्री तिवारी ने कहा कि स्वास्थ्य के नाम पर झूठ का ढ़िढौरा पिटने वाली केजरीवाल सरकार दिल्ली के अस्पतालों में मूलभूत सुविधायें देने में पूरी तरह से फेल हुई है। रोगी कल्याण समिति जिसका गठन 2015 में आम आदमी पार्टी ने किया और जिसके चैयरमेन अपने ही विधायकों को बनाया। समिति के माध्यम से 75 लाख रूपये तक की सहायता रोगी कल्याण समिति में की जानी थी जिसमें 5 लाख रूपये का टॉप-अप करके हर वर्ष आवश्यकता अनुसार दिया जाना था। एक आरटीआई की जानकारी के अनुसार रोगी कल्याण समिति में फंड जस का तस पड़ा रहा लेकिन उसका इस्तेमाल दिल्ली के अस्पतालों में सुविधाएं देने के लिए नहीं किया गया। इसके बजाय आम आदमी पार्टी के विधायकों ने अपने निजी विज्ञापनों के लिए इस फंड का खुलतौर पर इस्तेमाल किया। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में आईसीयू बेड, वेंटीलेटर, मानिटर, इंफ्यूशन पम्प, ब्लड बैंक और गैस पाइपलाइन जैसी जरूरी सुविधायें तक नहीं हैं। यह वह सुविधायें हैं जो मरीज के जीवन को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं। जीबी पंत, एलएनजेपी, सत्यवादी हरीशचंद्र, दीपचंद बन्धु, बाबा साहब अम्बेडकर, जीटीबी जैसे बड़े अस्पतालों में भी जरूरी सुविधायें तक नहीं हैं।

श्री तिवारी ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने डेंगू के खिलाफ अभियान चलाने का नाटक कर सरकारी खजाने का इस्तेमाल अपने निजी विज्ञापनों पर और अपनी बड़ी बडी फोटों लगाकार राजनीति चमकाने के लिए किया। दिल्ली में पीने का पानी पूरी तरह से दूषित है जो लोगों के घरों तक पहुंच रहा है और मुख्यमंत्री अपने रिपोर्ट कार्ड में कह रहे है कि हमनें पूरी दिल्ली को स्वच्छ पानी देने का काम किया यह बात सफेद झूठ के अलावा और कुछ नहीं है। बीआईएस की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के पानी के सैम्पल सभी 19 मानकों पर फेल पाये गये। परिवहन व्यवस्था को नम्बर एक बनाने का दावा करने वाली केजरीवाल सरकार ने डीटीसी को पूरी तरह से ठप्प कर दिया है। अबादी के हिसाब से दिल्ली में 11 हजार बसों की जरूरत है लेकिन केवल 3800 बसें रह गई है जिसके कारण जनता को घण्टों बसों का इंतजार करना पड़ता है। मेट्रों फेज-4 के काम में बाधा पहुंचाकर मुख्यमंत्री ने दिल्ली की जनता को मिलने वाली बेहतर आवागमन की सुविधाओं से वंचित रखने का काम किया है। रिपोर्ट कार्ड लाना एक अच्छी बात है लेकिन जनता से झूठ बोलना कतई भी ठीक नहीं है और केजरीवाल सरकार के पांच साल का रिपोर्ट कार्ड जनता को भ्रमित करने का प्रयास है जिसे जनता भली प्रकार समझती है। जनता जानती है दिल्ली में पांच साल भाजपा की पूर्ण बहुमत की स्थिर सरकार ही दिल्ली का समुचित विकास कर सकती है।

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