National

मुख्य आयोजक भुवनेश सिंघल सुनाए अटल जी के अंतिम दिनों के भावुक संस्मरण

सांसद कवियों ने कविताओं के माध्यम से भरी हुंकार

पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में पूर्व संध्या पर 24 दिसम्बर 2019 को दोपहर 1 बजे से संसद भवन में ‘अटल सम्मान समारोह’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एक अनूठी पहल करते हुए सांसद कवियों का राष्ट्रीय अटल कवि सम्मेलन भी किया गया जिसमें विभिन्न सांसद व केन्द्रीय मंत्री ने मंझे हुए कवि की तरह काव्य पाठ कर उपस्थित श्रोताओं को हतप्रभ कर दिया। अटल सम्मान समारोह के अध्यक्ष व सुप्रसिद्ध कवि भुवनेश सिंघल ने बताया कि यह उनका छटा आयोजन है जिसमें समाज के विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों, साहित्यकारों, समाजसेवियों, सैनिकों आदि सहित देश-विदेश के 25 चयनित योग्य लोगों को अपनी भारतीय परम्परा व सस्कृति के अनुसार सम्मानित किया गया है। सिंघल ने यह भी बताया कि यह चौथा वर्ष है जब संसद भवन में यह प्रतिष्ठित आयोजन किया गया तथा इसको प्रारम्भ हुए छः वर्ष हो चुके हैं। अटल जी को समर्पित इस आयोजन में देश-विदेश से प्राप्त सैकड़ों आवेदनों की गहन पड़ताल के बाद चयन समिति के सदस्य गायक कुमार विशु, साहित्यकार पं. सुरेश नीरव व पद्मश्री भजन सोपोरी द्वारा 25 लोगों का चयन किया गया था क्योंकि अटल जी का जन्मदिन भी 25 तारीख को होता है इसलिए 25 सम्मान दिए गए। इस सम्मान समारोह की अध्यक्षता भाजपा के राष्टन्न्ीय उपाध्यक्ष व आयोजन के संरक्षक श्याम जाजू ने की तथा संचालन भुवनेश सिंघल ने किया। दीप प्रज्जवलन अटल समारोह के चेयरमैन रोशन कंसल व डिप्टी चेयरमैन नवीन तायल ने किया। सभी अवॉर्डियों को शंखनाद व मंत्रोच्चार के बीच विशेष सम्मान भेंट किए गए जिसमें उनके सम्मान पत्र का वाचन किया गया तथा उनके प्रेरणामयी कार्यों को स्क्रीन पर दिखाया गया। तत्पश्चात उन्हें चौकी पर स्थान देकर उनका तिलक किया गया। उसके बाद वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर से विशेष तौर पर मंगाई पुष्प माला पहनाई गई, अयोध्या से मंगाई भगवान राम के लॉकेट की मोतियों की माला, विशेष गणेश स्वरूप श्रीफल, रामचरित मानस, ऋषिकेश त्रिवेणी से मंगाया गया गंगाजल, अटल जी के गृहक्षेत्र बटेश्वर से मंगाए मोतीचूर का एक विशेष लड्डू, एक पेन, अंगवस्त्र, अटल समारोह का विशेष बैग तथा एक प्रतीक चिन्ह व सम्मान पत्र सहित कुल 11 वस्तुएं भेंट कर सम्मानित किया गया। इस वर्ष दिये गए सम्मान निम्न प्रकार हैं….

1. मेजर जनरल रणजीत सिंह, अटल शौर्य शिखर सम्मान – 2019

2. डॉ. जीतराम भट्ट, अटल साहित्य शिखर सम्मान-2019, हिन्दी व संस्कृत अकादमी दिल्ली सरकार के सचिव

3. पं. अशोक कृष्ण जी महाराज, अटल नृत्य निष्णात् शिखर सम्मान-2019, कत्थक गुरू

4. श्री याकूब मूसा मौहम्मद हुसैन अलमाज़मी, अटल विश्व विभुति शिखर सम्मान-2019, दुबई के समाजसेवी

5. श्री ओ. पी. गोयनका, अटल अंत्योदय शिखर सम्मान-2019, समाजसेवी दिल्ली

6. श्री मनोज गर्ग, अटल राष्टन्न्ीय शिखर सम्मान-2019, दिल्ली

7. श्री कुमार संजय शैदा आराई, अटल विभुति शिखर सम्मान-2019, पीसीएस नोएडा अथॉरिटी

8. डॉ. पूरनमल गौड़, अटल शब्द शिल्पी शिखर सम्मान-2019, सरकार की हरियाणा साहित्य अकादमी के सचिव

9. श्री सुभाष जिंदल, अटल समाज संवर्धन शिखर सम्मान-2019, व्यवसायी रोहिणी

10. श्री सत्य भूषण जैन, अटल नारायण सेवा सम्मान-2019, असहायों के सेवक

11. श्रीमती सीमा ‘स्वस्ति’, अटल विदुषी शिखर सम्मान-2019, गौसेवी

12. श्री नीरज गुप्ता, अटल समाजसेवा शिखर सम्मान-2019, दिल्ली

13. श्री कुमार संजॉय सिंह, अटल संवाद शिखर सम्मान- 2019 एडिटर इन चीफ सूर्या समाचार

14. श्री देवेन्द्र देव, अटल संगीत साधक शिखर सम्मान-2019, संगीतकार

15. श्रीमती मासूमा रिज्वी, अटल कला कीर्ति सम्मान-2019, चित्रकारा व इंटिरियर डिजाईनर

16. श्री आचार्य वेदमूर्ती शास्त्री, अटल धर्मसेवी शिखर सम्मान- 2019, धर्मसेवी व कथा वाचक

17. श्री मनन चतुर्वेदी, अटल वैश्विक मानव संसाधन शिखर सम्मान-2019, प्रेरणामयी युवा

18. श्री राजवंत सिंह, अटल कृषिवेत्ता शिखर सम्मान-2019, कृषि अनुसंधानक

19. डॉ. कपिल कुमार त्रिपाठी, अटल विज्ञानिका शिखर सम्मान-2019, सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक इसरो

20. श्री पराक्रम सिंह शेखावत, अटल मीडिया शिखर सम्मान-2019, लोकसभा टीवी एंकर

21. श्री परमेन्द्र सिंह, अटल जनसेवा शिखर सम्मान-2019, समाजसेवक

22. श्री दीपक गर्ग, अटल समुदाय सेवी शिखर सम्मान-2019, समाजसेवी दिल्ली

23. श्रीमती रश्मि जैन छावड़ा, अटल नारायणी शिखर सम्मान-2019, मेकअप आर्टिस्ट

24. श्री स.के. वधावन, न.र.इ. कुवैत

इसके अलावा इस अवसर पर सांसद कवियों का कवि सम्मेलन भी किया गया। सिंघल ने बताया कि क्योंकि अटल जी स्वयं कवि भी थे और सांसद भी थे तो उनको समर्पित एक ऐसा कवि सम्मेलन रखा गया जिसमें वे ही कवि रहे जो सांसद भी हैं। इसमे मुख्य रूप से काव्य पाठ करने वालों में केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद पद्मश्री सी. पी. ठाकुर, सांसद सत्य नारायण जटिया, सांसद मनोज तिवारी, सांसद हंसराज हंस आदि आमंत्रित रहे। इस अटल कवि सम्मेलन की अध्यक्षता सांसद कवि सी. पी. ठाकुर ने की व मंच संचालन कार्यक्रम के आयोजक व सुप्रसिद्ध कवि भुवनेश सिंघल ने किया।

इस अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी जी पर वृतचित्र का प्रसारण किया गया व अटल बिहारी वाजपेयी के संस्मरणों पर आधारित भुवनेश सिंघल की पुस्तक ‘स्मृतियां अटल हैं’ के दूसरे संस्करण का लोकार्पण भी किया गया।

मुख्य अतिथि के रूप में…………………………..विशिष्ट अतिथि नवीन तायल रहे। श्याम जाजू ने बताया कि प्रतिवर्ष होने वाला यह अटल सम्मान समारोह कई मायने में विशेष है। एक तरफ जहां इसमें अपनी संस्कृति व परम्परा का निर्वहन किया जाता है वहीं यह अटल जी के प्रति भुवनेश सिंघल के अगाध समर्पण को भी दर्शाता है। रोशन कंसल व भुवनेश सिंघल और इनकी टीम ने इस कार्यक्रम को लगभग छः वर्ष पहले प्रारम्भ किया जब अटल जी जीवित थे। इस आयोजन में सांसद कवियों का कवि सम्मेलन भी किया गया जिसने इसे और अधिक भव्यता प्रदान की। अटल जी के प्रति ऐसा समर्पण हम सबको अपने युग पुरूष के व्यक्तित्व व कृतित्व को जानने का एक विशेष अवसर देता है। जो लोग यहां पर सम्मानित हुए हैं मैं उनको अपनी शुभकामनाएं देता हूं और आशा करता हूं कि वह अटल जी के विचारों को और अधिक आगे ले जाएंगे व राष्ट्र की सेवा और अधिक लग्न व जिम्मेदारी के साथ करेंगे। इस वर्ष की थीम अटल अयोध्या रखी गई है जो अटल जी के राम मंदिर निर्माण के संकल्प को दर्शाने का सशक्त माध्यम रहा। अटल जी पर वृतचित्र के माध्यम से अटल जी के महान गुणों को भी जानने का अवसर सभी को मिला। भुवनेश िंसघल की पुस्तक ‘स्मृतियां अटल हैं’ के द्वितीय संस्करण के लोकार्पण करने का अवसर भी मुझे मिला इसमें भुवनेश सिंघल ने अटल जी और देश के शीर्ष विभुतियों के संस्मरणों को संजोया है जो वाकई में एक अदभुत और दुर्गम कार्य था, प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति से लेकर अटल जी के पुराने साथियों तक के संस्मरणों को जुटाना भुवनेश की वर्षों की मेहनत को दर्शाता था। भुवनेश ने इस पुस्तक में अटल जी के साथ के अपने संस्मरणों को भी बहुत भावुकता के साथ लिखा है जिसे पढकर अटल जी का चेहरा हमारे सामने बिल्कुल जीवंत प्रकट हो जाता है। कुल मिलाकर एक सफल आयोजन की सभी को बधाई व शुभकामनाएं देता हूं।

भुवनेश सिंघल ने अपने वक्तव्य में बताया कि उन्हें यह अवसर भाग्य द्वारा मिला कि उन्होने अटल जी अंतिम दिनों में अटल जी के जीवन का अंतिम सम्मान उनके निवास कृष्णन मेनन मार्ग पर जाकर भेंट किया था जिसमें उन्होनें अटल जी को अंगवस्त्र, नारियल व प्रतीक चिन्ह भेंट किया था। उन्हें नहीं पता था कि जो सम्मान वो अटल जी को दे रहे हैं वह उनके जीवन का उनको मिला अंतिम सम्मान सिद्व होगा।

इस वर्ष के आयोजन की मुख्य थीम ‘अटल अयोध्या’ रखी गई क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा देखा गया राम मंदिर निर्माण का एक महत्वपूर्ण स्वप्न उनके महाप्रयाण के बाद ही सही मगर इस मोदी सरकार के कार्यकाल में पूर्ण हो गया है। अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वयं राम मंदिर के निर्माण को लेकर खूब संघर्ष किया था तथा उनके नेतृत्व में ही राम रथ यात्रा निकाली गई थी और इसी राम मंदिर अभियान के चलते ही उनकी पार्टी की सरकार सत्ता तक पहुंची थी अतः इस वर्ष की थीम अटल जी से जोड़ते हुए राम मंदिर को समर्पित की गई जिसका नाम ‘अटल अयोध्या’ के रूप में तय किया गया।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Close