युवा-हल्लाबोल ने मुखर्जीनगर पुलिस थाने और छात्रों के बीच कॉल रिकॉर्डिंग जारी कर दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया कि इलाके को जबरन खाली कराने का आर्डर दिया गया था। यह ऑडियो 24 दिसंबर का है जब एक छात्र ने पीजी में खाना ना मिलने पर पुलिस स्टेशन में फोन कर पीजी और कोचिंग बंद करने के आदेश पर जानकारी लेना चाहा।
ज्ञात हो कि 24 दिसंबर को युवा-हल्लाबोल के गोविंद मिश्रा द्वारा एसीपी मॉडल टाउन अजय कुमार का वीडियो जारी किया गया था। वीडियो में एसीपी अजय कुमार छात्रों पर 24 दिसंबर से 2 जनवरी तक मुखर्जी नगर से निकलने को कह रहे थे। वीडियो में स्पष्ट तौर पर सुना जा सकता है कि एसीपी अजय कुमार छात्रों को डरा कर मुकदमा करने की बात भी कहते हैं।
युवा-हल्लाबोल की फैक्ट फाइंडिंग टीम 2 दिन से मुखर्जीनगर इलाके में पुलिस के दावों की पड़ताल करने के लिए लगातार छात्रों और कोचिंग सेंटर के मालिकों से बात कर रही है। टीम ने पाया कि आज भी लगातार छात्रों का पीजी से घर जाने का सिलसिला बरकरार है जिस कारण छात्रों को खासी दिक्कत हो रही है। जो छात्र अब भी रुके हुए हैं उन्हें उनके पीजी द्वारा खाना देना बंद कर दिया गया है। आज भी मुखर्जी नगर इलाके में अधिकतम लाइब्रेरी और कोचिंग संस्थान बंद रहे।
युवा हल्लाबोल की फैक्ट फाइंडिंग टीम द्वारा मिले तथ्यों के आधार पर कहा कि:
• यह वीडियो पूरी तरह सच है और इससे कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। अगर दिल्ली पुलिस के पास वीडियो में छेड़छाड़ का कोई सबूत है तो वह पेश करें और लोगों को भ्रमित करना बंद करे।
• अगर पुलिस वीडियो को फेक बताती है तो उसका ऑडियो रिकॉर्डिंग पर क्या कहना है?
युवा-हल्लाबोल के रजत ने दिल्ली पुलिस द्वारा वीडियो को फेक बताए जाने पर कहा कि पुलिस गुमराह कर रही है और मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रही है जबकि उनको छात्रों और शिक्षकों में व्याप्त असमंजस को दूर करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि युवा हल्लाबोल के पास तमाम कोचिंग सेंटर्स के मैसेज भी हैं जिसमें छात्रों को दिल्ली पुलिस के आदेशानुसार कोचिंग बंद रखने की सूचना दी गयी है।
युवा-हल्लाबोल का नेतृत्व कर रहे अनुपम ने सवाल किया कि कोचिंग और लाइब्रेरी में पढ़ने वाले छात्रों से लॉ एंड ऑर्डर में किस तरह की समस्या आती है? यदि छात्रों के द्वारा लॉ एंड ऑर्डर की समस्याएं आती है तो पुलिस द्वारा उन पर कार्रवाई करने के बजाय पूरे इलाके को खाली कराने का फैसला किस अफसर ने लिया?
अनुपम ने पुलिस द्वारा चलाए गए फेक न्यूज़ की बात को झूठ बताते हुए कहा कि वो आज भी उनके द्वारा जारी किए गए वीडियो, ऑडियो और अन्य सभी रिपोर्टों पर कायम है।