28 दिसम्बर 2019, जसिया-रोहतक, अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में श्री यषपाल मलिक ने सरकार की वायदाखिलाफी पर बोलते हुऐ कहा कि पिछले आन्दोलनों मार्च 2016, जून 2016 व 29 जनवरी 2017 से 20 मार्च 2017 तक चले आन्दोलनों के दौरान 19 मार्च 2016, 19 जून 2016, 19 फरवरी 2017 व 11 फरवरी 2018 को हरियाणा सरकार व केन्द्र सरकार के साथ हुऐ समझौतों में से कुछ मांगें पूरी हुई। जैसे शहीदों को मुआवजा, शहीदों के आश्रितों को पक्की नौकरी, घायलों को मुआवजा, लेकिन अभी भी हरियाणा के जाटों को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण व आन्दोलन के दौरान दर्ज सभी केसों की वापसी की मांग पूरी नहीं हुई है। लम्बे समय तक लोकसभा और उसके बाद हरियाणा में विधानसभा चुनावों के कारण सरकार द्वारा इस दिषा में कोई भी कार्य नहीं किया गया और चुनावों के समय भी जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा भी भाईचारा बनाने के प्रयास किये जाते रहे। अब नई सरकार का गठन हो चुका है और हरियाणा की जनता ने उन जाट विधायकों एवं गैर जाट विधायकों तथा नेताओं को भी नकार दिया है जो अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा में हरियाणा का भाईचारा खराब कर रहे थे।
अतः नव निर्वाचित गठबन्धन सरकार से जाट समाज यह मांग करता है कि वह निम्न मांगों पर जल्द से जल्द निर्णय ले।
1. आन्दोलन के दौरान दर्ज सभी केसों को वापिस लिया जाये और जिन केसों पर अदालत में स्टे है, अदालत को सही स्थिति से अवगत कराकर उन केसों को वापिस लिया जाये।
2. हरियाणा सरकार द्वारा जाट समाज को बी.सी(सी) में दिया जाने वाले आरक्षण के बिल को वापिस ले लिया गया था। जो मार्च, अप्रैल 2016 में हरियाणा विधानसभा में पारित हुआ था। हरियाणा की जाट समेत 6 जातियों को अब केन्द्र द्वारा पारित 10 प्रतिषत आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलेगा। हरियाणा सरकार फिर से जाट समेत 6 जातियों को हरियाणा के ओ.बी.सी. की बी.सी.(बी) श्रेणी में शामिल करने का बिल विधानसभा में पारित करे, जिसको न्यायालय में चुनौती ना दी जा सके।
3. धरनों के दौरान धरनों पर बैठे लोगों के मृतक आश्रितों को भी सरकार द्वारा नौकरी का आष्वासन दिया गया था उसको भी जल्द पूरा किया जाये।
4. हरियाणा में एस.बी.सी. आरक्षण के रहते हुऐ सभी 6 जातियों के जिन अभ्यर्थियों का सलेक्षन हुआ था उन्हें तत्काल नौकरी पर उसी तरह ज्वाइन कराये जिस तरह एस.बी.सी. के साथ ही लागू ई.बी.पी.जी. के तहत चयनित अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग दी है।
5. हरियाणा सरकार द्वारा केन्द्र द्वारा पारित 10 प्रतिषत आर्थिक आधार पर दिये गये आरक्षण में उम्र व अन्य छूट (जो आरक्षित वर्गों को मिलती है) का प्रावधान किया जाये जैसे अन्य राज्यों ने किया है।
6. प्रधानमन्त्री द्वारा 26 मार्च 2015 को जाट समाज को आरक्षण देने के अपने वायदे को आने वाले बजट सत्र 2020 से पहले पूरा कराये।
उपरोक्त मांगे पूरी ना होने पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा अपनी मांगों को पूरा कराने के लिये भविष्य में होने वाले आन्दोलन की रूप रेखा तय करने के लिये निम्न प्रस्ताव पास कियेः-
1. आन्दोलन की शुरूआत व शहीद रैली की तैयारी करने के लिये पूरे हरियाणा में भाईचारा न्याय यात्रा की शुरूआत की जाये। जिसके माध्यम से हरियाणा सरकार की वायदाखिलाफी को जन-जन तक पहुंचाया जाये।
2. 18 जनवरी 2020 को हरियाणा प्रदेष कार्यकारिणी का आयोजन कर भाईचारा न्याय यात्रा का विस्तृत कार्यक्रम जारी व हरियाणा के आन्दोलन की विस्तृत रूप रेखा तैयार की जाये।
3. भाईचारा न्याय यात्रा की समाप्ति 22 फरवरी 2020 आरक्षण आन्दोलन में शहीद होने वाले शहीदों की याद में आयोजित शहीद रैली में की जायेगी।
4. अन्य राज्यों में 19 जनवरी से 31 जनवरी 2020 के बीच प्रदेष कार्यकारिणियों का आयोजन कर भविष्य के राष्ट्रव्यापी आन्दोलन की रणनीति तय कर हरियाणा की मांगों के लिये आन्दोलन का समर्थन व केन्द्र में जाट आरक्षण की मांग उठायी जायेगी।
5. समझौतों के दौरान मध्यस्था में बैठने वाले सभी नेताओं से मिलकर भी समझौतों को पूरा करने के लिये आन्दोलन शुरू करने से पहले, समझौते के दौरान मानी गयी मांगों को पूरा कराने के लिये कहा जायेगा।
6. जिला स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक आन्दोलन की तैयारी के संगठन का विस्तार व पुर्नगठन किया जायेगा।
उपरोक्त प्रस्तावों को पास कराते हुए राष्ट्रीय महासचिव श्री अषोक बल्हारा द्वारा बताया गया कि सरकार की मंषा अगर ठीक हो तो समय रहते ये सब मांगे पूरी की जा सकती हैं। इस अवसर पर पंजाब, उत्तर प्रदेष, उत्तराखण्ड, दिल्ली, राजस्थान आदि प्रदेषों से आये पदाधिकारियों व प्रभारियों ने एकमत से अपने-अपने प्रदेषों में तैयारी का आष्वासन दिया। प्रदेष अध्यक्ष श्री महेन्द्र पूनिया ने कहा कि हरियाणा का भाईचारा कायम रखते हुए सभी जातियों को साथ लेकर आन्दोलन की तैयारी की जायेगी। उन्होंने बताया कि विभिन्न खापें मिलकर कैप्टन अभिमन्यु से मिलकर उनके द्वारा दायर केस वापिस कराने के लिये प्रयासरत हैं। जिसके कारण हमारे बहुत से बच्चों को लम्बे समय तक जेलों में रहना पड़ा। संघर्ष समिति इन प्रयासों का स्वागत करती है। आषा है कैप्टन अभिमन्यु और उनका परिवार इस कार्य को कर समाज को बड़ा सन्देष देंगे।
इस अवसर पर आये प्रदेष के पदाधिकारियों व हरियाणा के सभी जिलों से आये पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रख सर्वसम्मति से सभी प्रस्तावों पर सहमति देकर भविष्य में राष्ट्रव्यापी आन्दोलन छेड़ने का आवहान किया।