24 नवम्बर 2019, जसिया-रोहतक, अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति हरियाणा द्वारा आयोजित हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दीनबन्धु चौ. छोटूराम की 139वीं जयन्ती पर व छोटूराम धाम की स्थापना की तीसरी वर्षगांठ पर 24 नवम्बर 2019 को चौ. छोटूराम जयन्ती समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में कई राज्यों से उनके अनुयायी, वैज्ञानिक, खिलाड़ी, अधिकारी, व्यापारी व विभिन्न दलों के राजनीतिक नेताओं ने भाग लिया और सभी ने कहा छोटूराम धाम के निर्माण की आवष्यकता है। इसके निर्माण से जाट कौम के सामाजिक, शैक्षणिक व अर्थिक उत्थान की दिषा में यह धाम मील का पत्थर साबित होगा। इस अवसर पर समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री यषपाल मलिक ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में जाट समाज की सामाजिक, शैक्षणिक व आर्थिक उत्थान के लिये एक सामाजिक संगठन की आवष्कता है जिसके लिये जाट सेवा संघ का गठन किया गया। जाट सेवा संघ की पहली परियोजना जसिया में 25 एकड़ जमीन पर “छोटूराम धाम” का निर्माण किया जा रहा है। छोटूराम धाम की विस्तृत व्याख्या करते हुऐ उन्होंने बताया कि छोटूराम धाम जाट समाज की सामाजिक, शैक्षणिक व आर्थिक तरक्की के लिये नये आयाम स्थापित करेगा। इस अवसर पर जाट सेवा संघ में छोटूराम धाम के निर्माण में जाट समाज द्वारा दिये गये चन्दे की आय व व्यय का ब्यौरा भी जाट सेवा संघ के सचिव श्री कृष्णलाल हुड्डा द्वारा दिया गया। उन्होंने कहा कि जाट सेवा संघ के चन्दे का हिसाब व उसके खर्चे का ब्यौरा जाट सेवा संघ की बेवसाईट पर उपलब्ध रहता है जिसको पूरे देष में कोई भी भाई देख सकता है। उन्होंने बताया कि जाट सेवा संघ द्वारा संचालित डीसीआर इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिव एग्जाम की गुड़गांव ब्रांच में कोचिंग जारी है। रोहतक सेन्टर की कोचिंग को मार्च 2020 से जसिया में ही शुरू कर दिया जायेगा। साथ ही अगले वर्ष 2020 से जसिया में जाट सेवा संघ द्वारा स्पोर्ट एकेडमी का कार्य भी पूरा कर दिया जायेगा।
श्री यषपाल मलिक ने सरकार की वायदाखिलाफी पर बोलते हुऐ कहा कि पिछले आन्दोलनों मार्च 2016, जून 2016 व 29 जनवरी 2017 से 20 मार्च 2017 तक चले आन्दोलनों के दौरान 19 मार्च 2016, 19 जून 2016, 19 फरवरी 2017 व 11 फरवरी 2018 को हरियाणा सरकार व केन्द्र सरकार के साथ हुऐ समझौतों में से कुछ मांगें पूरी हुई। जैसे शहीदों को मुआवजा, शहीदों के आश्रितों को पक्की नौकरी, घायलों को मुआवजा, लेकिन अभी भी हरियाणा के जाटों को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण व आन्दोलन के दौरान दर्ज सभी केसों की वापसी की मांग पूरी नहीं हुई है। लम्बे समय तक लोकसभा और उसके बाद हरियाणा में विधानसभा चुनावों के कारण सरकार द्वारा इस दिषा में कोई भी कार्य नहीं किया गया और चुनावों के समय भी जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा भी भाईचारा बनाने के प्रयास किये जाते रहे। अब नई सरकार का गठन हो चुका है और हरियाणा की जनता ने उन जाट विधायकों एवं गैर जाट विधायकों तथा नेताओं को भी नकार दिया है जो अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा में हरियाणा का भाईचारा खराब कर रहे थे।
अतः नव निर्वाचित गठबन्धन सरकार से जाट समाज यह मांग करता है कि वह निम्न मांगों पर जल्द से जल्द निर्णय ले।
1. आन्दोलन के दौरान दर्ज सभी केसों को वापिस लिया जाये और जिन केसों पर अदालत में स्टे है, अदालत को सही स्थिति से अवगत कराकर उन केसों को वापिस लिया जाये।
2. हरियाणा सरकार द्वारा जाट समाज को बी.सी(सी) में दिया जाने वाले आरक्षण के बिल को वापिस ले लिया गया था। जो मार्च, अप्रैल 2016 में हरियाणा विधानसभा में पारित हुआ था। हरियाणा की जाट समेत 6 जातियों को अब केन्द्र द्वारा पारित 10 प्रतिषत आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलेगा। हरियाणा सरकार फिर से जाट समेत 6 जातियों को हरियाणा के ओ.बी.सी. की बी.सी.(बी) श्रेणी में शामिल करने का बिल विधानसभा में पारित करे, जिसको न्यायालय में चुनौती ना दी जा सके।
3. धरनों के दौरान धरनों पर बैठे लोगों के मृतक आश्रितों को भी सरकार द्वारा नौकरी का आष्वासन दिया गया था उसको भी जल्द पूरा किया जाये।
4. हरियाणा में एस.बी.सी. आरक्षण के रहते हुऐ सभी 6 जातियों के जिन अभ्यर्थियों का सलेक्षन हुआ था उन्हें तत्काल नौकरी पर उसी तरह ज्वाइन कराये जिस तरह एस.बी.सी. के साथ ही लागू ई.बी.पी.जी. के तहत चयनित अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग दी है।
इस अवसर पर समिति के राष्ट्रीय महासचिव व प्रभारी हरियाणा श्री अषोक बल्हारा ने कहा कि जाट समाज के कुछ दिग्भ्रमित लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष व समिति के पदाधिकारियों पर झूठे आरोप लगाकर सरकार व राजनेताओं के इषारे पर लम्बे समय से आन्दोलन को कमजोर करने की साजिष रच रहे हैं, उनके मन्सूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। जाट समाज की एकता हमेषा बरकरार रहेगी। हरियाणा की बीजेपी सरकार में बैठे कुछ नेता व उसके कार्यकर्ता व नेता इन हरकतों से बाज आये। उन्होंने कहा कि उपरोक्त मांगें सरकार जल्द से जल्द पूरा कर अपना वायदा निभाये। उन्होंने बताया दिसम्बर 2019 में राष्ट्रीय कार्यकारिणी का आयोजन कर भविष्य में जाट समाज केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा की जा रही वायदाखिलाफी के विरोध में देषव्यापी आन्दोलन की रूपरेखा तैयार कर शान्तीपूर्ण आन्दोलन की रणनीति तैयार की जायेगी। प्रदेष अध्यक्ष हरियाणा श्री महेन्द्र पूनिया ने बताया कि अभी भी कुछ भाई कैप्टन अभिमन्यु के केसों में पिछले 3 साल से जेलों में बन्द हैै। उन्होंने कहा कि हरियाणा के सभी संगठनों जैसे खापों आदि को भी मिलकर अभिमन्यु से केस वापिस लेने के लिये कहना होगा और सब लोगों को सामाजिक प्रयत्न भी करने होंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार समय रहते मांगें पूरी नहीं करती है तो बड़े आन्दोलन की घोषणा दिसम्बर 2019 में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कर दी जायेगी। इस दौरान सरकार को समर्थन दे रहे दलों और निर्दलीय सदस्यों व विपक्षी दलों के विधायकों को भी वस्तु स्थिति से अवगत कराकर उनको भी सरकार द्वारा किये वायदों को पूरा कराने के लिये समाज की आवाज को जिस तरह आई.एन.एल.डी. नेता अभय सिंह चौटाला व कांग्रेस विधायक रघुवीर कादियान ने मुद्दा विधानसभा में उठाया और अभय चौटाला द्वारा धरनों पर भी समर्थन दिया था, उसी तरह सभी विधायक अपनी-अपनी पार्टी व विधानसभा में जाट समाज के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज बुलन्द करे, ऐसा जाट समाज हरियाणा के सभी विधायकों व नेताओं से आषा करता है।